भारत का चीन को जवाब होगा एजम्प्शन आईलैंड नौसेना अड्डा
नई दिल्ली। सेशल्स के साथ मिलकर एजम्प्शन आईलैंड में नौसेना अड्डा बनाने को लेकर भारत ने सोमवार सहमति जताई है। सेशल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉर इन दिनों भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डैनी फॉर से मुलाकात के बाद यह एलान किया गया है। एजम्प्शन आईलैंड में नौसेना अड्डा को चीन को भारत का जवाब माना जा रहा है। भारत के इस फैसले से इसकी हिंद महासागर में रणनीतिक ताकत बढ़ेगी, क्योंकि चीन ने हिंद महासागर में ही जिबूती में सैन्य अड्डा बना रखा है।
भारत के लिए अहम क्यों?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने सेशल्स के साथ 20 साल का कॉन्ट्रेक्ट किया है। इसके तहत सेशल्स में भारतीय सेनाओं के लिए एक हवाई पट्टी और पानी के जहाजों को खड़ा करने के लिए जेटी का निर्माण किया जा रहा है। हिंद महासागर में ही जिबूती में चीन ने भी अपना सैन्य अड्डा स्थापित कर रखा है।
जिबूती में चीन के सैन्य अड्डा होने की वजह से हिंद महासागर में भारत की मौजूदगी कमजोर पड़ रही थी। जिसकी वजह से भारत ने सेशल्स के साथ करार करके एजम्प्शन आईलैंड नौसेना अड्डा बनाने पर सहमति जताई है। भारत के लिए यह नौसेना अड्डा सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होगा। भारत की ओर से बनाए जा रहे इस अ़ड्डे का इस्तेमाल दोनों देश करेंगे।
बता दें, एजम्प्शन आईलैंड में सेना बेस को लेकर कई वर्षों से चर्चा है। पहले भी इसको लेकर भारत और सेशल्स में करार हुआ था, लेकिन वहां के स्थानीय लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की माने तो वहां की विपक्षी पार्टी का कहना है कि हमें भारत और चीन के विवाद में नहीं पड़ना। इसके साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि एजम्प्शन आईलैंड में नौसेना अड्डा बनने पर पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचेगा।
सोमवार को भारत ने सेशल्स को रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए 10 करोड़ डालर कर्ज देने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने फॉर के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को दिए बयान में कहा, 'इस कर्ज से सेशल्स अपनी समुद्री क्षमता बढ़ाने के लिये रक्षा उपकरण खरीद सकेगा।