मार्च से मेट्रो की तरह खुलेंगे और बंद होंगे राजधानी-शताब्दी के दरवाजे
मेट्रो की तर्ज पर अब राजधानी-शताब्दी ट्रेनों के दरवाजे भी ऑटोमेटिक खुलेंगे। इनका नियंत्रण गार्ड के पास होगा और दरवाजे सिर्फ प्लेटफॉर्म की तरफ ही खुलेंगे, जिसकी उद्घोषणा भी होगी। इसके लिए ट्रेन के नए डिब्बे बनाए जाएंगे, इससे दुर्घटनाएं रुकेंगी। साथ ही चोरी की घटनाओं पर भी लगाम लगेगी।
रेल मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गार्ड अपने केबिन से मास्टर पैनल कंट्रोल करेगा और बटन दबाकर दरवाजे खोलेगा और बंद करेगा। प्लेटफॉर्म से चलने के बाद दरवाजे ऑटोमेटिक बंद हो जाएंगे और अगले स्टेशन पर ट्रेन रुकने के बाद ही खुलेंगे।
इन डिब्बों में प्लेटफॉर्म आने से पहले दरवाजे किस ओर खुलेंगे इसकी उद्घोषणा भी होगी। दरवाजों के बीच किसी प्रकार का व्यवधान होने पर वह बंद नहीं होंगे और गार्ड केबिन में बीप की आवाज से इसका पता चल जाएगा। गार्ड मास्टर पैनल कंट्रोल में सभी कोच की स्थिति पर नजर रख सकेगा।
इस तकनीक को आरडीएसओ, लखनऊ ने विकसित किया है। अधिकारी ने बताया कि आपात स्थितियों जैसे गार्ड के ब्रेक लगाने अथवा चेन पुलिंग के लिए कोच में आपात बटन होगा। जिसे दबाकर दरवाजे को मैन्युअल खोलने की भी सुविधा होगी।
20 लाख में एक कोच बनेगा:
एक कोच में इस तकनीक को लगाने में 20 लाख रुपये का खर्च आएगा। फिलहाल 100 कोच में इसे लगाया जा रहा है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य ट्रेनों में ऑटोमैटिक लॉकिंग एंड ओपनिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
इन ट्रेनों में नए कोच लगेंगे: राजधानी, शताब्दी, दुरंतो के अलावा मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के कोच में इस तकनीक को लगाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण में दो राजधानी व दो शताब्दी में ऑटोमैटिक लॉकिंग एंड ओपनिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।
मार्च में हावड़ा रूट पर पहली ट्रेन: नई प्रणाली के साथ पहली ट्रेन दिल्ली हावड़ा रूट पर मार्च तक चलने की संभावना है। तेजस मार्च तक और राजधानी अप्रैल तक आ जाएगी।