मालदीव ने चीन की मदद से बनवाया है फ्लाइओवर, भारत ने यूं जाहिर किया गुस्सा

नई दिल्ली: भारत की मदद से अपनी जरूरतें पूरी करने वाले देश मालदीव ने चीन से हाथ मिला लिया है. मालदीव ने चीन की मदद से फ्लाइओवर बनवाया है. यह बार भारत को नागवार गुजरी है. चीन के इस फ्लैगशिप इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के उद्धाटन से भारत ने दूरी बनाई है और अपना विरोध भी जताया है. मालदीव में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा इस फ्लाइओवर के उद्धाटन समारोह में नहीं पहुंचे. इसपर मालदीव सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा गया, 'हमने भारत के राजदूत को बुलाया, लेकिन वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.' हालांकि भारत की ओर से इसपर कोई बयान नहीं आया है. इस फ्लाइओवर का उद्धाटन चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मौजूदगी में किया गया.

मालदीव पर आरोप लगे हैं फ्लाइओवर के उद्धाटन समारोह में उसकी ओर से दूसरे देशों के राजदूतों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. आरोप है कि फ्लाइओवर के उद्धाटन स्थल पर केवल चीन के राजदूत की कार को पहुंचने दिया गया. इसपर मालदीव मे विपक्ष के प्रवक्ता अहमद महलूफ ने अपने ट्वीट में लिखा, 'श्रीलंका और बांग्लादेश के राजदूतों ने इस कार्यक्रम का बॉयकॉट किया क्योंकि उनकी कारों को यमीन के सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया था और उनसे पैदल जाने को कहा गया.' महलूफ ने लिखा 'केवल चीनी राजदूत की कार को आयोजन स्थल तक आने दिया गया.' यमन ने 200 मिलियन डॉलर की लागत से बने इस पुल को उनके राजनयिक इतिहास की सबसे बड़ी कामयाबी बताया है. 

मालूम हो कि एशिया में अपनी धमक बढ़ाने के लिए चीन लगातार चाल रहा है. वह इस कोशिश में है कि एशिया के सारे देश भारत से दूरी बना लें. इसके लिए चीन लगातार नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देशों को आर्थिक मदद देने में जुटा है. वहीं भारत के लिए चुनौती है कि वह चीन की इस चाल का जवाब देते हुए पड़ोसी देशों के साथ संबंध बनाए रखें.

हाल में बजट विमानन कंपनी गो-एयर 11 अक्टूबर से मालदीव के लिए हवाई यात्रा शुरू करने का ऐलान किया है. एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कॉर्नेलिस वेरीविज्क ने आज यह जानकारी दी. कंपनी की पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान नई दिल्ली और मुंबई से थाइलैंड के फुकेत की होगी. एयरलाइन 14 अक्टूबर से मुंबई और नई दिल्ली से माले के मालदीव की उड़ान भी शुरू करेगी. एक सूत्र ने इससे पहले कहा था कि पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए बुकिंग जल्द शुरू होगी. शहर की यह एयरलाइन छठी घरेलू विमानन कंपनी है जो अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू करने जा रही हैं.

गो-एयर दो साल पहले 20वें विमान की आपूर्ति मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए पात्र हो गई थी. यह एयरलाइन के लिए पहला एयरबस ए 320 नियो विमान भी था. 

गो-एयर ने अपना घरेलू परिचालन नवंबर, 2005 में शुरू किया था. अगस्त, 2016 में कंपनी को नौ देशों के लिए उड़ानों का परिचालन करने की अनुमति मिली थी. इन देशों में चीन, वियतनाम, मालदीव, कजाखस्तान, कतर और सऊदी अरब शामिल हैं. 


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