मैंने कांग्रेस छोड़ दी है, नवजोत सिद्धू भी अब मंत्री नहीं, सरकार में उनकी कोई पूछ नहीं: डॉ. सिद्धू

लगभग चार महीनों की खामोशी के बाद डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने अपने पति पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के विधानसभा क्षेत्र के विकास की बागडोर एक बार फिर संभाल ली है। कई माह बाद डॉ. नवजोत कौर अपने निवास स्थित दफ्तर में बैठीं और लोगों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से अपने समर्थक पार्षदों से फीडबैक लिया।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में डॉ. सिद्धू ने दो टूक कहा कि वह अब कांग्रेस की सदस्य नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। वह अब किसी भी राजनीतिक पार्टी में नहीं हैं। अब उनका एकमात्र लक्ष्य समाज सेवा करना है। एक समाजसेवी की नाते वह पंजाब व अपने विधानसभा हलके की लोगों की लड़ाई लड़ती रहेंगी।

एक सवाल के जवाब में डॉ. सिद्धू ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने हलके के पार्षदों के साथ कई बैठक की हैं। इनके द्वारा दी गई फीडबैक के बाद वह हलके की एक-एक सड़क का निर्माण करवाएंगी। वह पूर्वी हलके के लोगों के प्रति जवाबदेह है। यदि सरकार ने इस हलके के विकास के लिए धनराशि जारी न की तो वह पंजाब सरकार के विरुद्ध धरना लगाने से भी पीछे नहीं हटेंगी।

 
सिद्धू भी अब मंत्री नहीं हैं
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने बेबाकी से कहा कि नवजोत सच बोलने वाले व्यक्ति हैं। वह सच ही बोलेंगे। कुछ मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के कान भर दिए थे, जिस पर कैप्टन अमरिंदर ने विश्वास कर लिया। पंजाब में आई बाढ़ और बटाला में पटाका फैक्टरी में हुए ब्लास्ट में मारे गए लोगों के बारे में सिद्धू के कुछ न बोलने पर डॉ. सिद्धू ने कहा कि सिद्धू अब मंत्री नहीं हैं।

सरकार में उनकी कोई पूछ नहीं है। यदि वह इन घटना में मारे गए लोगों के बारे सरकार से कुछ मांगते, तो उनकी मांग पर सरकार कोई ध्यान न देती। इसलिए सिद्धू ने बोलने से गुरेज किया। डॉ. सिद्धू ने कहा कि नवजोत इमरान खान की दोस्ती के कारण पाकिस्तान गए थे। वहां करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण पर अपने विचार रखे थे। अब करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो रहा है।

सरकार बनने के एक साल बाद ही उठाए थे सवाल
कैप्टन सरकार के गठन के एक वर्ष बाद डॉ. सिद्धू ने एक इंटरव्यू में सरकार को अपने कामकाज को लेकर कटघरे में खड़ा किया था। सरकार को तब सिद्धू ने दस में से चार नंबर दिए थे। उस समय कैप्टन अमरिंदर ने कहा था कि वह कांग्रेस की सदस्य ही नहीं हैं, इसलिए उनकी राय का कोई अर्थ नहीं है। वहीं डॉ. सिद्धू ने कांग्रेस की सदस्यता कब ग्रहण की, इस बारे किसी को कोई जानकारी नहीं है।

 

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