मोदी के लिए आसान नहीं ‘सौभाग्य’ की राह

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सौभाग्य योजना के तहत हर घर को रोशन करने की राह आसान नहीं है। इस योजना के तहत अंधेरे में रह रहे चार करोड़ परिवारों को बिजली देने के लिए 28,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी। बिजल मंत्रालय की ओर से आज यहां दी जानकारी के अनुसार इन चार करोड़ में से प्रति परिवार को औसतन एक किलोवाट बिजली का आवंटन करने और प्रतिदिन आठ घंटे बिजली देने पर करीब 28,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली तथा प्रति वर्ष 8,000 करोड़ यूनिट अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होगी।   
केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने भी कल एक कार्यक्रम में कहा था कि कुछ लोग कह रहे हैं कि देश में सरप्लस बिजली है। जब अंधेरे मे रह रहे चार करोड़ परिवारों को बिजली दी जाएगी तो बहुत ज्यादा बिजली की जरूरत होगी।  मंत्रालय के अनुसार देश में करीब चार करोड़ परिवारों तक बिजली नहीं पहुंची है। इनमें से तकरीबन एक करोड़ गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे हैं जिन्हें दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के तहत कवर किया जा चुका है। सौभाग्य योजना के तहत कुल तीन करोड़ परिवारों को कवर किया जाएगा जिसमें से 250 लाख ग्रामीण तथा 50 लाख शहरी इलाकों में हैं।   

करीब 16000 करोड़ रुपए की इस योजना में गरीबों को मुफ्त तथा अन्य को 500 रुपए में कनेक्शन दिया जाएगा। डिस्कॉम या बिजली विभाग बिल के साथ इस राशि को 10 किस्तों में वसूलेगा। दूरदराज और दुर्गम वे इलाके जो ग्रिड से जुड़े हुए नहीं हैं, वहां 200 से 300 वाट सौर ऊर्जा दी जाएगी जिससे पांच एलइडी बल्ब, एक पंखा तथा एक पावर प्लग काम कर सकेगा । पांच वर्ष तक इसके मरम्मत और रखरखाव की सुविधा भी दी जाएगी ।की इस चुनावी यात्रा के दौरान प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजा को गुजरात में दो दशक से सत्तारूढ भाजपा के कथित हिन्दुत्व के एजेंडे की काट तथा कांग्रेस की छवि सुधारने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं।

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