यहां 13 वर्ष में ही किशोरियां हो रहीं प्रेग्नेंट

निरोधकों की जानकारी के अभाव में फिलीपींस में किशोरावस्था में लड़कियां मां बन रहीं हैं. इससे चिंतित विशेषज्ञों ने देश में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.  
 
विश्व में सबसे ज्यादा किशोरी मां फिलीपींस में हैं. यहां प्रति घंटे किशोरियां 24 बच्चों को जन्म दे रहीं हैं. इस प्रकार यहां 500 बच्चों का जन्म प्रतिदिन हो रहा है. यहां कई किशोरियां ऐसी हैं, जो 20 की उम्र तक भी नहीं पहुंची और उनके दो बच्चे हैं. 
 
 फिलीपींस की जनगणना के अनुसार 16 से 19 वर्ष की 18 हजार से ज्यादा किशोरियां दो बच्चों की मां बन चुकीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने देश में गर्भ निरोधक वितरण पर अस्थायी रोक जारी रखा है.
 
फिलीपींस के सोसाइटी ऑफ एडेलेसेंट की चिकित्सा प्रमुख डॉ एम्मा लेलंटो बताती हैं कि मैं सरकारी अस्पताल में काम करती हूं. पिछले कुछ वर्षों में यहां किशोर माएं ज्यादा आने लगी हैं जिनकी उम्र मात्र 16,17 या 18 वर्ष है. इनकी संख्या में लगातार तेजी से वृद्धि हुई है. जब उनसे मैंने बात की तो पता चला की इन्हें यह भी पता नहीं है कि उनका शरीर कैसे काम करता है. फिर घर में निरोध के प्रयोग पर वे बातचीत कैसे कर सकती हैं. 
 
उन्हें तो यह भी पता नहीं की इस प्रकार की कोई चीज होती भी है. वे बताती हैं कि हम इन किशोरियों को संयम बरतने का संदेश देते हैं. हमें उन्हें पहले सिखाना होगा कि बार-बार की प्रेगनेंसी को रोका जा सकता है. देश में गर्भ निरोधक के बारे में जागरूकता फैलाना आवश्यक है. हमें उन लड़कियों को यह अहसास दिलाना होगा कि इन गोलियों के सेवन से वे गर्भवती होने से बच सकती हैं. 
 
लेकिन, समस्या यह भी है कि इस उम्र में रोजाना गोली लेना अच्छा नहीं समझा जाता. हम इन किशोरियों को समझाते हैं कि अगर वे चाहें तो तीन साल तक गर्भवती नहीं हो सकतीं. तब तक उन्हें बच्चे को स्तनपान कराने और खुद के पढ़ाई के लिए भी समय मिल सकेगा. साथ ही वह अपने पहले बच्चे का अच्छा देख-भाल कर सकती हैं. 
 
13 वर्ष तक की किशोरियां हो रहीं प्रेग्नेंट
 
फिलीपींस की महिला स्वास्थ्य व शिक्षा केंद्र में किशोर प्रजनन परियोजना समन्वयक आशा बेसियो-एबेला बताती हैं कि युवा लोग कहते हैं कि उन्हें नहीं पता था कि परिवार नियोजन उन लोगों के लिए है. उन्हें तो ऐसा पता था कि यह उन लोगों के लिए हैं जिनका परिवार बड़ा है और उसमें ज्यादा लोग हैं. 
 
बच्चों को पता नहीं है कि उन्हें क्या देखना चाहिए क्या नहीं. किशोरों से यौन संबंध पर परिवार के लोग बातचीत तक नहीं करते और इसे हमारे स्कूलों में पढ़ाने की बात तो बहुत दूर की है. हमारी संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती. जब आप यहां बच्चों से पूछते हैं कि हमें किस उम्र में रिलेशन में आना चाहिए तो उनका जवाब होगा 25 वर्ष. लेकिन, वे यह भी जानते हैं कि 13 वर्ष तक के उनके दोस्त प्रेग्नेंट हो रही हैं. 
मारीला डार्विन, नारीवादी सामूहिक ग्रॉआरएल गिरोह मनीला के कोफाउंडर हैं वे बताती हैं कि यह मामला वैसा ही है जिसमें एक अंधा दूसरे से रास्ता पूछता है. युवतियां परेशानियां होने पर अपने दोस्तों से उपाय पूछती हैं जो खुद इसी समस्या से जूझ रहीं हैं.

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