राजस्थान के गांवों में अब शहरों की तर्ज पर होगी सफाई, 20 फीसदी गांवों का चयन
जयपुर. राजस्थान के गांवों (villages) में अब शहरों की तर्ज पर सफाई होगी. पहले चरण में प्रदेशभर के 20 फीसदी गांवों का चयन हुआ है. इसके लिये सेनेटाइजेशन (Sanitation) की ऑनलाइन मैपिंग हो रही है. इससे गांवों की फिजां में अब स्वच्छता (Cleanliness) की खुशबू महकेगी. सरकार ने पहले गांवों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाई थी. अब हर गांव की स्वच्छता की बारी आई है. इसके तहत ठोस एवं तरल कचरे का अलग-अलग प्रबंधन होगा. इस नई पहल से सरकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के सपने साकार करेगी.
योजना को अमली जामा पहनाने के लिये आईएएस अतहर आमिर कम्प्यूटर स्क्रीन पर सेनेटाइजेशन मैपिंग की ताजा रिपोर्ट की अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे हैं. कम्प्यूटर स्क्रीन पर रोजाना आंकड़े अपडेट हो रहे हैं. गांवों को गंदगी से निजात दिलाने के लिए कचरा डिपो बनाये जा रहे हैं. नालियों के निर्माण और मरम्मत के काम शुरू हो रहे हैं. समस्याग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की जा रही है. ग्राम स्वच्छता के मानचित्र बन रहे हैं.
अधिकारी दिन रात एक कर रहे हैं
कहां सामुदायिक शॉकपिट बनना है और कहां लीजपिट कहां बनेगा ? शॉकवे चैनल कहां-कहां से गुजरेगा ? अधिकारी जमीनी हालात देख कर चर्चा कर रहे हैं कि नॉर्मल मैजिक पिट का निर्माण कितनी जगह में होगा. आदर्श गांव की परिकल्पना को स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में साकार करने के लिए अधिकारी दिन रात एक कर रहे हैं.
गांवों में प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट बनेगी
आईएएस अतहर आमिर के अनुसार गांवों की सफाई न केवल बीमारियों से बचायेगी बल्कि इससे पंचायतों की आय में भी इजाफा होगा. कचरे से कम्पोस्ट बनाया जायेगा. जैविक खाद बनेगी. गांवों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर बनेंगे. वहीं कचरे को रि-साइकिल कर उसका दुबारा उपयोग भी किया जा सकेगा. गांवों में प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट बनेगी. ये सब कम्पयूटर स्क्रीन पर ऑनलाइन उपलब्ध होगा. गूगल अर्थ-प्रो और जीओ टैगिंग से सफाई के इस महाअभियान पर बारीकी से निगाह रखी जायेगी.
अगले पांच साल में प्रदेश का हर गांव स्वच्छता मानचित्र पर नजर आयेगा
प्रदेशभर के हर ब्लॉक के पांच पांच गांवों में इसकी शुरूआत की गई है. हर साल बीस फीसदी गांवों में स्वच्छता का अभियान को अंजाम तक पहुंचाया जायेगा. अगले पांच साल में प्रदेश का हर गांव स्वच्छता मानचित्र पर नजर आयेगा. अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो गांव सफाई के मामले में शहरों को मुंह चिढ़ाते नजर आयेंगे. केंद्र सरकार की ये योजना गांवों की शक्ल और सूरत ही बदल देगी.
ग्रामीण भी सहयोग करे
गांवों की स्वच्छ बनाने की इस मुहिम में अगर ग्रामीण भी सहयोग करेंगे तो कार्य तेजी से होगा. क्योंकि जो कुछ भी किया जा रहा है वह ग्रामीणों की बेहतरी के लिये ही किया जा रहा है. सरकार मशीनरी के साथ अगर ग्रामीण भी दिल से जुड़ेंगे तो गांवों की कायापलट हो जायेगी. इसके ग्रामीणों का कोई पैसा नहीं लगना है बस रूल्स को फॉलो करना है.