राजस्थान: पढ़े लिखों के साथ अनपढ़ भी लोकसभा चुनाव में आजमा रहे अपनी किस्मत

जयपुर: राजस्थान में पढ़े लिखे उम्मीदवारों के साथ साथ अनपढ़ प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैंं. कई उम्मीदवार तो ऐसे हैंं जिन्हे पढ़ाई लिखाई बिल्कुल नहीं आती तो किसी उम्मीदवार ने विदेश से पढ़ाई की हैं. कोई उम्मीदवार केवल पांचवी पास हैं तो किसी उम्मीदवार ने ग्रेजुएट तक नहीं की.

कहते हैं करियर बनाने के लिए पढ़ाई लिखाई की सबसे ज्यादा जरूरत होती हैं. बिना पढ़ाई लिखाई के फ्यूचर बनाना मुश्किल हीं नहीं नामुम्किन है लेकिन राजस्थान के लोकसभा चुनाव में बिना पढ़े लिखे ही अपना राजनीतिक करियर पर जोर आजमा रहे हैं. अनपढ़ उम्मीदवार अपने तजुर्बे से जनता का दिल जीतकर कुर्सी पर कब्जा करने के सपने देख रहे हैं लेकिन सपने कितने पूरे होते हैं, ये तो जनता पर निर्भर करेगा. इस चुनाव में एक उम्मीदवार तो ऐसे हैं जो केवल साक्षर हैं. भरतपुर से भाजपा उम्मीदवार रंजीता कुमारी केवल 9वीं पास हैं. ऐसा नहीं कि राजस्थान में केवल अनपढ़ उम्मीदवार ही चुनाव लड़ रहे हैं बल्कि ऐसे प्रत्याशी भी हैं जो विदेश तक पढ़े लिखे हैं. प्रदेश में 25 लोकसभा सीटों पर 4 उम्मीदवार ऐसे हैं जो विदेश से पास हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो एक उम्मीदवार ऐसा था जो अनपढ़ था, जबकि 7 उम्मीदवार ऐसे थे जो केवल साक्षर थे. पांचवी पास उम्मीदवार 3 और 8वीं पास 11 उम्मीदवार थे. जबकि 10वीं पास 15 और 12वीं पास 13 उम्मीदवार मैदान में थे. ग्रेजुएट उम्मीदवार की संख्या 19 और पोस्ट ग्रेजुएट प्रत्याशी 8 थे जबकि 3 उम्मीदवार डाक्टरेट थे.
देश में हुए चौथे चरण के लोकसभा चुनाव में 44 फीसदी उम्मीदवार 5वीं से 8वीं तक पास हैं. जबकि 34 उम्मीदवार ऐसे हैं जो केवल साक्षर हैं और 9 उम्मीदवार असाक्षर हैं. ऐसे में अनपढ़ से लेकर पढ़े लिखे उम्मीदवार भी राजनीति में अपना करियर बनाना चाहते हैं.
 

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