राहुल गांधी को मिली करारी हार, अमेठी के जिलाध्यक्ष ने भेजा इस्तीफा

कांग्रेस की परंपरागत अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हारने वाले राहुल गांधी के बाद अमेठी इकाई के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने इस्तीफे की पेशकश की है. राहुल गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि 'मैं लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 में संसदीय क्षेत्र अमेठी से कांग्रेस के हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी- अमेठी पद से इस्तीफा देता हूं.' आपको बता दें कि 39 साल बाद गांधी परिवार का कोई नेता अमेठी से बाहर हुआ है. भाजपा की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष को 55 हजार वोटों से न भूलने वाली शिकस्त दी है. इसके बाद अमेठी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेज दिया है.

इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 में मिली हार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीए की चैयरपर्सन सोनिया गांधी के सामने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के इस्तीफे की बात पर सोनिया गांधी और वरिष्ठ के नेताओं ने उन्हें समझाया कि ऐसी बात पार्टी फोरम में रखनी चाहिए. इसी कड़ी में आज सुबह लोकसभा चुनावों में हार के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने इस्तीफे की पेशकश की है. सूत्रों के मुताबिक, एक हफ्ते में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें राहुल इस्तीफे की पेशकश करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में हार के कारणों पर चर्चा होगी.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी सीट पर 21 साल बाद बड़ा उलटफेर हुआ है. स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को 55,120 वोटों से हराया है. स्मृति को 4,68,514 तो राहुल गांधी को 4,13,394 वोट मिले हैं. इस लोकसभा सीट को कांग्रेस के अभेद्य दुर्ग के रूप में जाना जाता था.

बता दें कि 2014 में पहली बार स्मृति ईरानी चुनाव लड़ने अमेठी पहुंची थीं और वह हार गईं थी. पिछले चुनाव में राहुल गांधी अब तक के सबसे छोटे अंतर से जीते थे. हार की वजह के सवाल पर राहुल गांधी ने बाद में प्रतिक्रिया देने की बात कही है. बता दें कि सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस का समर्थन करते हुए यहां से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था. राहुल अमेठी से चौथी बार चुनाव मैदान में थे. अमेठी को छोड़कर राहुल ने केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा  और रिकॉर्ड तोड़ 8 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है.
 

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