रोहिंग्या मुस्लिमों पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी सरकार

केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह रोहिंग्या मुसलमानों पर उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करेगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार 18 सितंबर को कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताएगी कि रोहिंग्या को देश से बाहर करने की उसकी योजना क्या है। राजनाथ के इस बयान के साथ ही इसे लेकर चल रही कयासबाजी भी खत्म हो गई है।

अवैध रूप से भारत में रह रहे म्यांमार के रोहिंज्ञा समुदाय के लोगों के भविष्य को लेकर उच्चतम न्यायालय ने सरकार से अपनी रणनीति बताने को कहा था। सरकार द्वारा रोहिंज्ञा समुदाय के लोगों को वापस म्यांमार भेजने के फैसले के खिलाफ याचिका को सुनने के लिये स्वीकार करते हुये अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है।

दो रोहिंज्ञा शरणार्थियों मोहम्मद सलीमुल्लाह और मोहम्मद शाकिर द्वारा पेश याचिका में रोहिंज्ञा मुस्लिमों को वापस म्यांमा भेजने की सरकार की योजना को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन बताया गया है। दोनों याचिकाकर्ता भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग में पंजीकृत हैं। उनकी दलील है कि म्यांमार में रोहिंज्ञा समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसा के कारण उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी है।

गृह मंत्रालय द्वारा गत जुलाई में रोहिंज्ञा समुदाय के अवैध अप्रवासियों को भारत से वापस भेजने के लिये राज्य सरकारों को इनकी पहचान करने के निर्देश के बाद यह मुद्दा चर्चा का विषय बना था। सरकार द्वारा अपने रुख पर कायम रहने की प्रतिबद्धता जताये जाने के बाद अदालत में यह याचिका दायर की गयी थी।

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