लोकतंत्र के पहरुए /वोट की ड्यूटी पूरी करने के लिए किसी ने बारात को तो किसी ने कीमोथैरेपी को टाला
जालंधर. लोकसभा चुनाव के लिए रविवार को सातवें और आखिरी चरण का मतदान संपन्न हो गया। पंजाब की भी 13 लोकसभा सीटों के 278 उम्मीदवारों की किस्मत के वोट वोटर्स ने डाले। आज दिनभर मतदान के दौरान विभिन्न तरह की गतिविधियां देखने को मिली, वहीं लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी भी नजर आए। चुनाव आयोग ने अपने ट्विटर हैंडलर पर उन अनोखे लोगों की फोटो शेयर की, जिनमें किसी ने बरात चढ़ने से पहले वोट डाल देश की संप्रभुता के प्रति अपना फर्ज पूरा किया तो किसी ने कीमोथैरेपी तक को टाल दिया। इन्हीं में एक महिला मनराज कौर भी हैं।
अब चूकती तो 5 साल बाद आता ये त्यौहार
लुधियाना की रहने वाली मनराज कौर को ब्रेस्ट कैंसर है और वह अस्पताल के बेड पर थीं। उनकी रविवार को कीमोथैरेपी होनी थी, लेकिन मनराज ने कीमोथैरेपी से पहले वेट डालना जरूरी समझा। जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि कीमोथैरेपी के बाद कम से कम आज या एक-दो दिन और उठ नहीं पाती और लोकतंत्र का यह त्यौहार आज बीत जाता तो फिर पूरे 5 साल के बाद आता। उन्हाेंने अस्पताल से 2 घंटे की छुट्टी ली और फिर वोट डालने के बाद कीमौथैरेपी करवाई।
बच्चे को जन्म देने से 30 मिनट पहले किया मतदान
बठिंडा के जोगी नगर वासी जसप्रीत कौर पत्नी सुखविंदर सिंह को रविवार को करीब 11.55 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो डाॅक्टर ने तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। जसप्रीत कौर को मतदान की भी फिक्र थी। इस दौरान परिजन उसे अस्पताल लेकर निकल गए। महिला ने रास्ते में अस्पताल जाने से पहले मतदान करने की जिद की। उसकी जिद के आगे परिवार की एक न चली और उसे लेकर परसराम नगर सरकारी स्कूल के मतदान केंद्र नंबर 198 पर पहुंचे और बूथ पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद से महिला को पहल के आधार मतदान करवाया गया। इसके बाद उसे मेला राम अस्पताल में दाखिल करवाया। इस दौरान डाॅक्टर पूनम बांसल ने महिला जसविंदर कौर का इलाज शुरू किया, करीब 12.40 बजे उसने एक लड़के को जन्म दिया।
पड़दादा से पड़पोते तक एक साथ किया मतदान
अमृतसर में बटाला रोड पर बने पोलिंग बूथ पर भी अनाेखा नजारा देखने को मिला। यहां आज एक परिवार की चार पीढ़ियां एक साथ मतदान करने पहुंची थी। सरदार पिशौरा सिंह, बेटा सुरिंदर सिंह आजाद, पोता हरमिंदर सिंह और पड़पोता तेजिंदर सिंह एक साथ वोट करके मतदान केंद्र से बाहर निकले तो अनायास ही नजरें इनकी ओर खिंची चली गई। इस परिवार की तमन्ना है कि अच्छी छवि की सरकार देश में बने, जिससे कि तरक्की की राहें बुलंद होती चलें।
नहीं देखा होगा इनसे पुराना वोटर
फाजिल्का जिले में 112 और 111 साल की 2 महिलाएं वोट डालने के लिए पहुंची। इन दोनों की उम्र ही नहीं, बल्कि नाम का संयोग भी बेहद रोचक है। दोनों एक-दूसरे की हमनाम हैं। गांव तरोबड़ी में परिवार के साथ रह रही 112 साल की इंद्रो बाई पत्नी सुंदर सिंह को परिजन मोटरसाइकल पर बिठाकर मतदान केंद्र पहुंचे थे। इसके बाद पोते ने गोद में उठाकर अंदर ईवीएम तक पहुंचाया। इसी तरह निवर्तमान सांसद शेर सिंह घुबाया के गांव घुबाया में 111 साल की इंद्रो बाई पत्नी इंद्र सिंह भी वोट करने पहुंची थी। दावा है कि इनसे पुराना वोटर नहीं देखा होगा।
पड़पोते-पड़पोतियां व दोहते-दोहतियां सब मिलाकर 150 लोग
तरोबड़ी निवासी 112 वर्षीया इंद्रो बाई ने बताया कि उनके सबसे बड़े अर्जुन सिंह की उम्र 80 वर्ष है। दूसरा बेटा केहर सिंह 75 साल का है। तीसरा बेटा गुरबचन सिंह 54 का, चौथा सतनाम सिंह 50 साल का है तो 70 और 65 साल की दो बेटियां भी हैं। फिलहाल पोते-पोतियां, पड़पोते-पड़पोतियां व दोहते-दोहतियां सब मिलाकर इनके इर्द-गिर्द 150 लोग हैं।
कभी बीमार नहीं पड़ी इंद्रो बाई
गुरबचन सिंह ने बताया कि 112 वर्ष की हो के बावजूद उनकी मां आज तक पूरी तरह स्वस्थ हैं, बल्कि कभी बीमार हुई ही नहीं। वह पंखे व कूलर से परहेज कर नीम के वृक्ष की छाया के नीचे सोना ज्यादा पसंद करती हैं व रात के समय भी घर के खुले आंगन में सोती है। इसके अलावा नहाने-धोने जैसे नित्यकर्म खुद ही करती हैं, बस थोड़ा लंबा नहीं चल सकती, इसलिए आज मतदान के लिए उन्हें घर से मतदान केन्द्र तक बाइक पर बिठाकर लाया गया।