लोकसभा में जेतली ने GST को बताया एक क्रांतिकारी कदम
नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े आर्थिक बदलाव जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) विधेयक पर संसद में मैराथन चर्चा की शुरूआत हो चुकी है। केन्द्र सरकार ने जल्द से जल्द जीएसटी लागू करने कि लिए अहम 4 विधेयकों को संसद के सामने रखा है। इस बहस और विधेयकों के पारित होने के बाद केन्द्र सरकार को जीएसटी लागू करने का अंतिम मसौदा तैयार करना है।
बता दें कि इन विधेयकों पर बहस के जरिए केन्द्र सरकार जल्द से जल्द देशभर में जीएसटी लागू करने का मसौदा तैयार करेगी। ये चार विधेयक हैं- केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर विधेयक, एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर विधेयक, संघ शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवाकर विधेयक और वस्तु एवं सेवाकर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक।
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने लोकसभा में गिनाए जीएसटी के ये फायदे
-लोकसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा करते हुए जेतली ने कहा कि जीएसटी एक क्रांतिकारी बिल है। यह सभी को फायदा पहुंचाएगा।
-जेतली ने कहा, अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र को था कुछ का राज्य को, अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी। देश में वर्तमान में जारी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली 15 सितंबर तक जारी रहेगी और उसके बाद पूरे देश में समान कर प्रणाली की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।
-उन्होंने कहा संसद को भी और राज्यों की विधानसभा को गुड्स और सर्विस पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा। जीएसटी काउंसिल में 32 राज्यों के प्रतिनिधि हैं।
-जीएसटी काउंसिल की 12 बैठकें हुई, ताकि इस पर आपसी सहमति बन सके। हमें यह ध्यान रखना होगा अधिकारों का दुरुपयोग न हो।
-संविधान संसोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा तो उसकी व्यवस्था की जाएगी।
-इसका लक्ष्य वस्तु और सेवाओं का बेहतर संचालन सुनिश्चित करता है। राज्य और केंद्र के बीच राजस्व का बंटवारा होगा।
-वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी की 4 दरें होंगी और इसकी अधिकतम सीमा 28% की होगी। खाने-पीने की चीजें 0% टैक्स स्लैब में आएंगी। दूसरा टैक्स स्लैब 5% का होगा वहीं तीसरा स्लैब 12-18% का होगा जबकि 28% अधिकतम टैक्स स्लैब होगा। नुकसानदेह या लक्जरी वाली चीज़ों पर अधिक टैक्स रखा गया है।
मोइली ने जीएसटी को बताया एक छोटा कदम
जेतली के बाद विपक्ष की ओर से सबसे पहले बोलते हुए कांग्रेस नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने बिलों में मौजूद उन कमियों की ओर ध्यान दिलाया, जिन्हें उनकी पार्टी के मुताबिक दूर किया जाना चाहिए। मोइली ने कहा, "मैं इसे गेमचेंजर नहीं कह सकता… सिर्फ एक छोटा-सा कदम कहूंगा…" उन्होंने सरकार पर संसद के उच्च सदन राज्यसभा को दरकिनार करने का भी आरोप लगाया।