विकास कार्यों के लिए 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी हिमाचल सरकार

हिमाचल प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार विकास कार्यों के लिए एक बार फिर कर्ज लेने की तैयारी में है. वो भी पूरे 700 करोड़ रुपए का. सरकार द्वारा एक साल में चौथी बार कर्ज लिया जा रहा है. वित्त विभाग ने कर्ज लेने के लिए अधिसूचना जारी की है. प्रदेश सरकार गवर्नमेंट स्टॉक सिक्योरिटी के एवज में रिजर्व बैंक से कर्ज ले रही है.

जानकारी के अनुसार पहले ही से भारी कर्ज के मकड़जाल में फंसा हिमाचल प्रदेश एक बार फिर कर्ज लेने की तैयारी में है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 15 साल के लिए गवर्नमेंट स्टॉक सिक्योरिटी की एजव में ऋण लिया जाएगा. 26 सितम्बर को ऋण सम्बधी सारी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी और 27 सितम्बर को ऋण की राशि सरकार के खाते में आ जाएगी. ऋण को 2032 में लौटाना होगा.

बता दें कि सरकार पहले भी ऋण लेने के चलते सवालों के घेरे में आ चुकी है. अब चूकिं चुनाव नजदीक आ गए हैं, ऐसे में एक बार फिर ऋण लेने से सरकार पर विपक्ष के हमले भी तेज हो सकते हैं. सरकार ने जनवरी माह में भी 1 हजार करोड़ रुपए ऋण लिया था और इसके बाद मार्च में 700 करोड़ और फिर मई में भी 500 करोड़ रुपए का ऋण लिया है. प्रदेश पहले ही 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबा है. प्रत्येक हिमाचली पर 55 हजार रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ा हुआ है.

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