व्यापारियों का नगर निगम के खिलाफ फूटा गुस्सा, ये है वजह
सतना. मध्य प्रदेश के सतना शहर (Satna City) में आज व्यापारियों का आक्रोश नगर निगम कर्मचारियों पर फूटा. भवन की नाप जोख करने पहुंचे नगर निगम (Municipal Corporation) के कर्मचारियों को आक्रोशित व्यापारियों ने खदेड़ लिया और जमकर निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. इतना ही नहीं, व्यापारी निगम कार्यालय तक पहुंच गया और आयुक्त चेम्बर में भी अपना आक्रोश दिखाया. इस दौरान अध्यक्ष और निगम आयुक्त के बीच तीखी बहस भी हुई. हालांकि निगम आयुक्त अमनबीर सिंह (Amanbir Singh) ने न्याय संगत कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
नक्शे को लेकर मचा बवाल
दरअसल, नगर निगम का दस्ता व्यापारी के आवास पर नक्शे की जांच पड़ताल करने पहुंचा था. जबकि ये नक्शा 2016 में पास कराया गया था. सतना नगर निगम ने शहर भर के 300 से ज्यादा भवनों के नक्शे निरस्त किये है. इसी वजह से लोगों में असंतोष है. जबकि सतना नगर निगम और आम जन मानस व व्यापारियों के बीच पिछले एक महीने से तनातनी का माहौल है.
अब इस मामले में नगर निगम भू-स्वामियों को नोटिस जारी कर नाप जोख कर कंपाउंड शुल्क अधिरोपित कर रही है. आज भी सतना के गांधी चौक में राकेश अग्रवाल के घर नाप जोख करने नगर निगम का दल पहुंचा था. जबकि घर में नोटिस चस्पा करने के बाद व्यापारी लामबंद हो गए और जांच करने पहुंचे निगम अमले को दौड़ा लिया. यही नहीं निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
व्यापारियों ने निगम पर लगाए ये आरोप
इतना ही नहीं आक्रोशित व्यापारियों ने नगर निगम अध्यक्ष से शिकायत की और उनके साथ आयुक्त के चेम्बर तक पहुंच गए. निगम आयुक्त के सामने जमकर बहस हुई और अवैध वसूली के आरोप लगाए. नगर निगम अध्यक्ष दिलीप जैसवाल भी व्यापारियों की हां में हां मिलाते रहे. व्यापारियों और निगम अध्यक्ष का आरोप था कि जब पहले नक्शा पास हुआ और जब निर्माण कार्य हो रहे थे, उस समय निगम अमले ने एक्शन क्यों नहीं लिया. अब जब भवन बन चुका और लोग होम लोन लेकर भवन का निर्माण कर रह रहे हैं, ऐसे में नक्शा अवैध कर क्यों बताए जा रहे हैं. यही नहीं निगम कर्मी अवैध वसूली के लिए लगातार दबाव भी बना रहे हैं.
निगम आयुक्त ने कही ये बात
हालांकि मौके की नजाकत को देखते हुए निगम आयुक्त अमनबीर सिंह ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि जो न्याय संगत होगा उस आधार पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि ऐसे भवनों को चिन्हित किया गया, जिन्होंने नक्शे के अनुसार भवन का निर्माण नहीं किया.