शराब की दुकान पर पीओएस मशीन द्वारा किया जाएगा क्यूआर कोड स्कैन

लखनऊ। पिछले कुछ सालों में कई लोगों ने जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवाई है। उत्तर प्रदेश में नकली शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए आबकारी विभाग जल्द ही शराब की दुकानों में प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें लगाने जा रहा है। आबकारी विभाग ने पहले चरण में बीयर की दुकानों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना है। यह सिस्टम अगले दो महीनों में राज्य भर में करीब 7,500 बीयर की दुकानों में स्थापित किया जाएगा। एक बार स्थापित होने के बाद, बीयर की प्रत्येक बोतल और शराब की दुकानों पर स्थापित पीओएस मशीन के माध्यम से स्कैन की जाएगी। जैसे ही मशीन द्वारा क्यूआर कोड स्कैन किया जाएगा, संबंधित बोतल के बारे में सभी जानकारी आबकारी विभाग के सर्वर पर ट्रांसफर हो जाएगी।
  आबकारी अधिकारी ने कहा, 'प्रदेश में उत्पादित बीयर की प्रत्येक बोतल क्यूआर कोड के साथ आती है और अब जब बिक्री पीओएस मशीन के तहत बोतल को स्कैन करने के बाद ही संभव होगी, तो नकली शराब की बिक्री की कोई संभावना नहीं होगी। साथ ही, उत्पादन से लेकर उपभोक्ता को बिक्री तक शराब की सटीक जानकारी विभाग के पास होगी।' बीयर की दुकानें तुलनात्मक कम संख्या में हैं और ऐसे में विभाग ने राज्य में इन दुकानों पर पहले चरण में पीओएस मशीन लगाने का ऑप्शन चुना है। दूसरे चरण में शराब की दुकानों पर और तीसरे चरण में देशी शराब की दुकानों पर भी पीओएस मशीन लगाई जाएगी। मशीन लगने के बाद दुकानदार को मशीन से शराब की बोतल को स्कैन कर बेचना अनिवार्य होगा। स्कैन होते ही उसकी बिक्री का पूरा ब्योरा दुकान का नाम, बोतल मेक, उसका सीरियल नंबर आदि विभाग के डाटा बैंक में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाने के अलावा यह व्यवस्था इस प्रकार बनाई गई है कि एक दुकान से बिक्री के लिए आबंटित शराब दूसरी दुकान से नहीं बेची जा सकती। क्यूआर कोड स्कैन होते ही विभाग को पता चल जाएगा कि गोदाम से शराब किस दुकान के लिए आवंटित की गई थी। यदि किसी अन्य दुकान से बिक्री की जाती है तो दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

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