शिमला के इन तीन अस्पतालों में रक्त की कमी, दर-दर भटक रहे मरीज
शिमला: राजधानी के तीनों सरकारी अस्पतालों में रक्त की कमी चल रही है। अस्पताल में मरीज को एक बूंद भी रक्त नहीं मिल रहा है। ऐसे में मरीज अपना इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। मरीज रक्त के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं। हैरत तो यह है कि प्रशासन भी ब्लड बैंक की सूद तक नहीं ले रहा है। शिमला के इंदिरा गांधी मैडीकल अस्पताल, के.एन.एच. व दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में मरीजों के लिए रक्त बाहर से मंगवाना पड़ रहा है। तीनों अस्पताल में हजारों मरीज उपचाराधीन हैं, यहां एक भी मरीज ऐसा नहीं है जिसे रक्त मिल रहा हो। सर्दियों के चलते अस्पताल में रक्त की कमी चल रही है लेकिन प्रशासन द्वारा रक्त का प्रावधान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
मरीजों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा
तीनों अस्पतालों में सिर्फ डी.डी.यू. में ही एक यूनिट रक्त बचा हुआ है। इसके अलावा आई.जी.एम.सी. व के.एन.एच. में आपातकालीन स्थिति के लिए एक भी यूनिट रक्त नहीं है। इन तीनों अस्पतालों में सबसे ज्यादा दिक्कत तो आई.जी.एम.सी. और के.एन.एच. में हो रही है। अस्पताल में जब भी मरीज आपातकालीन स्थिति में बल्ड बैंक जाते हैं तो डाक्टर स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि हमारे पास कोई भी रक्त नहीं है। प्रशासन द्वारा न तो कोई रक्तदान शिविर लगवाए जा रहे हैं और न ही यह कहते हैं कि अस्पताल में रक्त नहीं है। इसका मुआवजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल में दूरदराज क्षेत्र से काफी संख्या में लोग अपना इलाज करवाने आते हैं, वे स्वयं कोई अस्पताल में ब्लड डोनर भी नहीं ला पाते हैं, ऐसे में मरीजों के कई बार ऑप्रेशन तक रुक जाते हैं।
संस्था लगाएगी रक्तदान शिविर
अस्पताल में रक्त की कमी को देखकर आल्माइटी ब्लैसिंग संस्था रक्तदान शिविर लगाएगी। संस्था के अध्यक्ष सर्वजीत सिंह बॉबी ने कहा कि इसी महीने रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे क्योंकि शिमला के तीनों अस्पताल में रक्त की काफी कमी चल रही है। संस्था के अध्यक्ष सर्बजीत सिंह बॉबी ने कहा कि यह अस्पताल प्रशासन एवं जनता के लिए अच्छी बात नहीं है कि शिमला में लाखों के हिसाब से आबादी रहती है लेकिन कोई भी समाज सेवा करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में मरीजों को आपाकालीन स्थिति में रक्त नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति रक्तदान करना चाहता है तो वह 94180-61000 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा अस्पताल में जाकर भी बल्ड बैंक में रक्त दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी लोगों का दिया हुआ रक्त मरीज के काम आए तो इससे बढ़कर कोई समाज सेवा नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में चल रही रक्त की कमी प्रशासन के लिए शर्म की बात है।