सऊदी अरब को लेकर ट्रम्प के नरम रुख पर रिपब्लिकन में मतभेद
वाशिंगटन । सऊदी अरब को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के नरम रुख के कारण अमेरिका की विदेश नीति को लेकर रिपब्लिकन पार्टी में मतभेद ऊभर आए हैं। यहां तक कि कुछ रिपब्लिकन सहयोगियों ने उन्हें आगाह किया है कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में सऊदी अरब की भूमिका के लिए उस दंडित नहीं करने से खतरनाक नतीजे सामने आ सकते है। कई रिपब्लिकन यहां तक कि सेंस लिंडसे ग्राहम और रैंड पॉल, जो इस मामले पर राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ अपने विचार साझा कर चुके हैं, ने मोहम्मद बिन सलमान को तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास के अंदर खशोगी हत्या के लिए कठोर दंड नहीं देने के ट्रम्प के फैसले की निंदा की है।
सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष व रिपब्लिकन सीनेटर बॉब कॉर्कर ने कहा कि वह ट्रम्प के बयान से "आश्चर्यचकित" हैं, उन्होंने इसकी तुलना सऊदी अरब के लिए जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के साथ की। कॉर्कर ने बताया, यह नाजुक स्थिति है, जिसमें एक ओर हमारा दशकों पुराना दीर्घकालिक सहयोगी है, और वहीं दूसरी ओर एक वली अहद भी है जिसके बारे में मुझे लगता है कि उसने एक पत्रकार की हत्या करने का आदेश दिया था।" उन्होंने कहा, हमारे पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है। सब कुछ इस तथ्य की ओर इंगित करता है कि वह इसके बारे में जानते थे और उन्होंने ही इसका आदेश दिया था।
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ट्रम्प के फैसले का यह कहकर बचाव किया कि दो अक्टूबर को हुई हत्या में संलिप्तता को लेकर अमेरिका पहले ही 17 संदिग्ध सऊदी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है। एक साक्षात्कार में पोम्पिओ ने कहा, हमने 17 लोगों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें से तो कुछ सऊदी सरकार में काफी वरिष्ठ अधिकारी हैं। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, दोनों पार्टियों के सदस्यों ने ट्रम्प पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी की जानकारी को अनदेखा करने का आरोप लगाया है, जिसमें यह बात सामने आयी है कि संभवतः वली अहद ने हत्या का आदेश दिया था। इससे पहले ट्रम्प ने कहा था, हम करोड़ों डॉलर के सौदे को यूं ही नहीं छोड़ सकते हैं और उसे रूस और चीन के हिस्से में नहीं जाने दे सकते. यह मेरे लिए बहुत साधारण सी बात है। मैं अमेरिका को फिर से महान बनाना चाहता हूं।