सबरीमाला के बाद केरल की एक और धार्मिक पहाड़ी पर पहली बार चढ़ी महिला
केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद अब एक अन्य महिला ने अन्य जगह पर लैंगिक भेदभाव तोड़ते वाला कदम उठाया है। रक्षा प्रवक्ता के. धन्या सानल ने ‘अगस्त्यार्कूदम चोटी’ की चढ़ाई शुरू कर दी है। यह केरल की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है और यहां महिलाओं के पर्वतारोहण पर प्रतिबंध है।
केरल हाईकोर्ट ने पिछले साल ही यहां पर ट्रैकिंग की अनुमति दी थी। केरल में मान्यता है कि इस पहाड़ी पर ब्रह्मचारी अगस्त्य ऋषि की समाधि है। ऐसे में यहां पर महिलाओं के आने पर हमेशा से ही रोक थी। केरल के पदस्थ रक्षा प्रवक्ता के. धन्या सानल ने पुरुष पर्वतारोहियों के साथ बोनाकाउड से पारंपरिक जंगल के रास्ते अगस्त्यार्कूदम चोटी की चढ़ाई शुरू कर दी है।
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि धन्या 100 पर्वतारोहियों में पहली महिला हैं जो 1,868 मीटर ऊंची चोटी की चढ़ाई शुरू की है। यह चोटी अपनी सुंदरता और उत्कृष्ट जैव विविधता के लिए जानी जाती है। धन्या ने पर्वतारोहण से पहले बताया, यह यात्रा जंगल को और अधिक समझने और अन्य लोगों के साथ इसका अनुभव साझा करने के लिए है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कहा- ‘मैं केवल ट्रैकिंग ट्रैक के लिए बने रास्ते पर ही चलूंगी। मैं यहां रहने वाले आदिवासियों की भावनाओं का सम्मान करती हूं और उन्हें किसी प्रकार से ठेस नहीं पहुंचाना चाहती। मैं अगस्त्य ऋषि की समाधि पर भी नहीं जाऊंगी।’
एक माह लगेगा सफर में
अगस्तर्कुडम चोटी की ऊंचाई 1868 मीटर है। इस पहाड़ पर चढ़ाई करने के लिए इस बार 4700 लोगों ने पंजीयन कराया है। इनमें 100 महिलाएं हैं। धन्या उनमें से पहली महिला हैं। उन्हें यह सफर पूरा करने में एक महीने से भी ज्यादा समय लगेगा। वे एक मार्च को चोटी के शीर्ष भाग पर चढ़ेंगी। पर्वतारोहण के इस सफर में उन्होंने केरल हाई कोर्ट के 18 नवंबर 2018 को दिए गए आदेश की प्रति भी अपने साथ रखी है।
पुरुषों को हर साल छूट
अगस्त्यार्कूदम, नय्यर वन्य जीव अभयारण्य में स्थित है। केरल उच्च न्यायालय द्वारा महिला पर्वतारोहियों को पर्वतारोहण की अनुमति देने के बाद पहली बार सालाना ट्रैकिंग खुला है। पुरुषों के लिए हर साल यह ट्रैक खुलता है।
स्थानीय लोग खुश नहीं
इस चोटी पर रहने वाली स्थानीय कानी जनजाति के लोग महिलाओं के पर्वतारोहण का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने महिलाओं के पर्वतारोहण के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था, लेकिन पर्वतारोहियों को रोकने का प्रयास नहीं किया।
कौन है धन्या सानल
के. धन्या सानल 2012 बैच की भारतीय सूचना सेवा की अधिकारी हैं रक्षा मंत्रालय में प्रवक्ता हैं। वे सितंबर 2017 से तिरुवनंतपुरम (केरल) में पदस्थ हैं। इसके पहले वे सूचना एवं प्रकाशन मंत्रालय के प्रकाशन विभाग में उप निदेशक रह चुकी हैं।
यह है धार्मिक मान्यता
कानी जनजाति के अनुसार यह पर्वतमाला उनके देवता ‘अगस्त्य मुनि’ का निवास स्थल है। हिंदू धार्मिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि अगस्त्य मुनि इस समुदाय के संरक्षक हैं।
इन जगहों पर विवाद कायम
कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर में 10 से अधिक उम्र वाली महिलाएं दर्शन कर चुकी हैं। हालांकि, दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन की दरगाह, शिरडी के पास स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर और छत्तीसगढ़ के कवर्धा के समीप मां राजोदाई के मंदिर में अभी तक महिलाओं को प्रवेश नहीं मिला है।