सबसे बड़ी रोड टनल का 2 अप्रैल को उद्घाटन करेंगे पीएम,“हलो” बोलने भर से मिलेगी मदद
जम्मू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने भारत के सबसे लंबे सुरंग मार्ग को 2 अप्रैल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस सुरंग मार्ग से जम्मू-श्रीनगर के बीच की दूरी करीब 30 किलोमीटर कम हो जाएगी।
सड़क सुरंग के बारे में खास बातें
-राजमार्ग पर 286 किलोमीटर लंबी चार लेन वाली परियोजना का हिस्सा 9.2 किलोमीटर लंबी दोहरी ट्यूब सुरंग पर 23 मई 2011 को काम शुरू हुआ।
– 3,720 करोड़ रुपए की लागत वाला यह सुरंग मार्ग निचली हिमालय पर्वत श्रृंखला में बनाया गया है।
-यह सुरंग 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह भारत का पहला ऐसा मार्ग होगा जो विश्व स्तरीय ‘समेकित सुरंग नियंत्रण प्रणाली’ से लैस होगा और जिसमें हवा के आवागमन , अग्निशमन, सिग्नल, संचार और बिजली की व्यवस्था स्वचालित तरीके से काम करेगी।
-इस मार्ग से राज्य की दो राजधानियों जम्मू और श्रीनगर के बीच सफर में ढाई घंटे कम समय लगेगा।
-सड़क मार्ग से चेनानी और नशरी के बीच की दूरी 41 किलोमीटर के बजाए अब 10.9 किलोमीटर रह जाएगी।
-इस सुरंग की सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें 120 से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं, जिनमें हर कैमरे की दूरी 75 मीटर है।
-आईटीसीआर चिंताजनक हालात में सुरंग के अंदर मौजूद कर्मचारियों से संपर्क करके समस्या का निदान करेगा। सुरंग में हर 150 मीटर पर एसओएस बॉक्स लगें हैं।
-आपातकालीन स्थिति में यात्री इनका इस्तेमाल हॉट लाइन की तरह कर सकेंगे। -आईटीसीआर से मदद पाने के लिए यात्रियों को एसओएस बॉक्स खोलकर बस “हलो” बोलना होगा।
-एसओएस बॉक्स में फर्स्टएड का सामान और कुछ जरूरी दवाएं भी होंगे।
इसके फायदे
– नेशनल हाईवे-1ए पर रुकेगा ट्रैफिक जाम
– समय और ईंधन की बचत होगी
– शेष भारत से इस राज्य का संपर्क सुगम हो जाएगा
नार्वे में है दुनिया की सबसे लम्बी सुरंग
विश्व की सबसे लम्बी सड़क सुरंग नार्वे में है। इसकी लम्बाई 24.5 किलोमीटर है। यह ऑरलैंड और लायेरडेल के बीच ओस्लो और बेरजेन को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर स्थित है। इसके निर्माण को 1992 में नार्वे संसद ने मंजूरी दी थी।
बता दें कि पीएम मोदी के औपचारिक उद्घाटन के बाद आईएलएंडएफएस सुरंग परियोजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिरण (एनएचएआई) को सौंप देगी। आईएलएंडएफएस के परियोजना निदेशक जे एस राठौड़ ने बताया, ‘‘9 मार्च और 15 मार्च के बीच इस मार्ग का व्यस्त समय और सामान्य समय के दौैरान सफलतापूर्वक औपचारिक परीक्षण किया गया था।’’