समय से इलाज न मिलने पर दो नवजातों की मौत, एक प्रसूता को एंबुलेंस में हुआ प्रसव
चित्रकूट जिला अस्पताल में दो नवजातों की मौत हो गई। जुडवां में एक नवजात की हालत गंभीर है। एक प्रसूता का प्रसव एंबुलेंस में ही हो गया। मृत नवजात के परिजनों ने राजापुर व पहाड़ी अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ पर इलाज में लापरवाही करने, फिर हालत बिगड़ने पर रेफर करने का आरोप लगाया है।पहाड़ी विकास खंड के सिकरी सानी गांव की प्रसूता सुधा पत्नी छोटेलाल को 4 अक्टूबर की रात को तेज प्रसव दर्द होने पर गांव से 102 एंबुलेंस लेकर पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आ रही थी। तभी रास्ते में ही डिलेवरी हो गई। जच्चा-बच्चा को पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
परिजनों का आरोप है कि मौजूद डाक्टर व स्टाफ ने जच्चा-बच्चा को पहले भर्ती करने से मना किया फिर एक घंटे इलाज नहीं किया। नवजात की हालत गंभीर होने पर दोनों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में नवजात की इलाज के दौरान मौत हो गई।
राजापुर के चिल्लीमल गांव निवासी बिट्टन उर्फ बबिता पत्नी घनश्याम को प्रसव पीड़ा तेज होने पर परिजनों ने पहले राजापुर कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, परिजनों ने बताया कि बार-बार कहने पर भी डॉक्टर व स्टाफ ने प्रसूता का हाल जानने का प्रयास नहीं किया।
परिजन इलाज के लिए गुहार लगाते रहे, अचानक देर रात डॉक्टर व स्टाफ ने प्रसूता को रेफर कर दिया। नाजुक प्रसूता ने जुड़वा बच्चों को जना। इनमें एक बच्चे की मौत हो गई। इस मामले में डॉ. रफीक अंसारी ने बताया कि जुड़वां बच्चे कम समय के हैं। इसमें एक 940 ग्राम का था, जो नहीं रहा। दूसरा जीवित बच्चा भी 1100 ग्राम का ही है। उसका इलाज जारी है। दोनों मामले में सीएमओ डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि पहाड़ी व राजापुर अस्पताल के स्टाफ से पूछताछ की जाएगी।