सरकारी बिक्री से मंडियों में 15 रुपये प्रति किलो तक गिरे प्याज के थोक दाम 

नई दिल्ली । इस बार प्याज के बढ़ते दामों ने आम जनता की आंखों में आंसू लाने शुरू कर दिए थे पर प्याज के निर्यात पर लगी रोक, व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट, सरकारी बिक्री और नवरात्रों में घटी खपत के चलते प्याज की थोक कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। जहां नासिक के लासलगांव में प्याज के दाम पिछले हफ्ते के पीक रेट से 10 रुपये तक घट चुके हैं, वहीं दिल्ली की आजादपुर मंडी में 15 रुपये किलो तक गिरावट आई है। हालांकि निर्यात बंदिशों के विरोध में लासलगांव सहित महाराष्ट्र की कई मंडियों में किसान माल नहीं बेचने पर अड़े हैं, इससे गिरावट थम भी सकती है। इस बीच, अक्टूबर के अंत में राजस्थान सहित लोकल सप्लाई शुरू होने से कीमतों पर लगाम कसना तय माना जा रहा है। आजादपुर मंडी में सोमवार को प्याज की कीमत ग्रेडवाइज 25 से 35 रुपये किलो तक रही, जो पिछले हफ्ते 50 रुपये किलो तक पहुंच गई थी। लासलगांव में औसत थोक कीमतें 43 रुपये से घटकर 33 रुपये तक आ गई हैं। अनियन होलसेलर वीरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि निर्यात रुकने और थोक व्यापारियों की स्टॉक लिमिट 500 और रिटेलरों की 100 क्विंटल तय होने से बंपर सप्लाई की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बना है। गिरती कीमतों के चलते ही महाराष्ट्र में किसान सोमवार से हड़ताल पर जा चुके हैं। अगर लासलगांव में किसानों की बिक्री बहाल हो गई तो कीमतें और गिरेंगी।
पोटैटो एंड अनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजिंदर शर्मा ने कहा कि नवरात्रों में प्याज की डिमांड 50-60फीसदी तक घट जाती है। फिलहाल करीब 1000 टन प्याज आ रहा है, जो मौजूदा खपत के हिसाब से ज्यादा है। 25 अक्टूबर से राजस्थान से सप्लाई शुरू होने के बाद साउथ पर निर्भरता भी घटती जाएगी, जिससे दिवाली बाद प्याज कीमतें सामान्य सकती हैं। उन्होंने बताया कि औसत थोक कीमत फिलहाल पिछले हफ्ते के पीक लेवल से 15 रुपये तक घटी है। सरकारी आउटलेट और वैन से हो रही सस्ती बिक्री का मंडियों के व्यापार पर तो नहीं, लेकिन रिटेल कीमतों पर असर पड़ा है। 80 रुपये किलो तक जा पहुंचा प्याज अब रिटेल में 50-60 रुपये किलो तक आ गया है। आजादपुर एपीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि प्याज कीमतें पूर तरह सप्लाई पर निर्भर नहीं करतीं। पिछले साल 23 सितंबर को यहां सिर्फ 213 टन प्याज आया था, जबकि कीमतें औसतन 9 रुपये थीं। 26 सितंबर 2018 को 590 टन सप्लाई पर कीमत 10 रुपये थी, जबकि इस साल 700 टन सप्लाई पर थोक कीमत 40 रुपये तक पहुंच गई। स्टॉक लिमिट तय होने से भी थोक व्यापारियों में बेचैनी देखी जा रही है। दिल्ली फूड एंड सप्लाई विभाग ने भी स्टॉक लिमिट मेंटेन रखने की हिदायत दी है। 

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