सरकार ने एयर इंडिया के अधिग्रहण की वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन शुरू किया

नई दिल्‍ली। सरकार ने एयर इंडिया के अधिग्रहण (Air India Acquisition) के लिए टाटा समूह (Tata Group) और स्पाइसजेट (Spicejet) के संस्थापक की वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन शुरू किया है। इसके साथ सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी के निजीकरण की प्रक्रिया अगले चरण में बढ़ गयी है। सरकार सौदे को जल्दी पूरा करने को इच्छुक है।
अघोषित आरक्षित मूल्य के आधार पर वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। जिस बोली में मानक मूल्य से अधिक कीमत पेश की गयी होगी, उसे स्वीकार किया जाएगा। टाटा की बोली अगर सफल होती है तो एयर इंडिया 67 साल बाद नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह के पास वापस चली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया। टाटा पहले से सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विमानन सेवा विस्तार का परिचालन कर रही है। अभी यह साफ नहीं है कि समूह ने स्वयं या एयर एशिया इंडिया के जरिये बोली लगायी है। ऐसा कहा जाता है कि सिंगापुर एयरलाइंस निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर उत्सुक नहीं है।

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