सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह का सिंधिया को लेकर बड़ा बयान
भोपाल,कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कर्जमाफी को लेकर उठाये गए सवाल और भिंड़ में लगे स्वागत पोस्टर पीएम मोदी और अमित शाह की फोटो को लेकर सियासत गर्म है। विपक्षी खेमा भी सवालों की बौछार कर रहा है। सियासत गर्म होती देख कमलनाथ के मंत्रियों ने बचाव मुद्रा में खड़ा होना शुरु कर दिया है। पीडब्ल्यू मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की नसीहत के बाद सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह का सिंधिया को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।
आज मीडिया से चर्चा के दौरान मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि प्रदेश मे बाढ़ से प्रभावित किसानों पीड़ितों की मदद सरकार पहले करेगी। किसानों का कर्ज माफ करने की प्रक्रिया चल रही थी, तभी प्रदेश में बाढ़ आ गई तो पहले अब बाढ़ प्रभावितो की मदद की जाएगी।वही सिंधिया के स्वागत पोस्टर में मोदी-शाह को लेकर कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का काम है ।आरएसएस का नाम बदलकर राष्ट्रीय षडयंत्रकारी संगठन होना चाहिए ।
प्रदेश में लगातार एक के बाद एक हड़ताल पर जा रहे सरकारी कर्मचारियों को लेकर मंत्री गोविंद सिंह ने काह कि प्रजातंत्र में हड़ताल करने का अधिकार सभी को है । वादा किया था पूरा करना हम प्रतिबद्ध है।सरकार 05 साल के लिए बनी है ।यह वादा नही था कि 5 महीने में सब मांगे पूरी कर देंगे।किस हाल में प्रदेश हमे मिला है यह सब जानते है।आज अगर सबकी मांगे मान लेंगे तो फिर प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था ठप्प हो जाएगी। हम निवेदन करते है धैर्य रखें सरकार वादा पूरा करेगी।बता दे कि पटवारियों, वकीलों, तहसीलदारों और नायाब तहसीलदारों के बाद अब अतिथि विद्वानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
भोपाल के दो नगर निगम के प्रस्ताव पर डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि बीजेपी का काम विरोध करना है।ये लोग अच्छे काम का विरोध करते है ।ये लोग चाहते है कि चिट भी इनकी हो और पट्ट भी ।सरकार को इससे फर्क नही पड़ता। हम अपना काम करेंगे।जब पार्लियामेंट असेम्बली का चुनाव ऐसे होता है तो निगम चुनाव भी ऐसे हो तो क्या विरोध।साम्प्रदायिकता सबसे ज्यादा बीजेपी ही बढ़ाती है।बीजेपी देश को बांटती है और देश के टुकड़े करना चाहती है।बीजेपी सांप्रदायिक्ता का बीज बोने की कोशिश कर रही है,निगम को दो हिस्सों मे करने का मकसद शहर का विकास है लेकिन बीजेपी उसे भी धर्म और राजनीति के तराजू मे तौल रही है जबकि कांग्रेस ये सब नही सोचती। जबकि कोलार को नगर निगम में मिलाने का काम बीजेपी करा था और वहाँ का कोई विकास नही हुआ लोग परेशान है हम कोलार का विकास करेगे इस लिए ही अलग करने का विचार चल रहा हैं।