सारंग का कांग्रेस पर निशाना

जांच एजेंसियां अफसरों पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पाएंगी; विश्वास सारंग ने कहा- ऐसा ठोस कदम उठाने के लिए किया गया

  विश्वास सारंग ने कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर सरकार मुस्तैद है

MP में अधिकारियों-कर्मचारियों पर जांच एजेंसियों द्वारा सीधे केस दर्ज न करने के सवाल पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- अगर किसी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ जांच होती है तो उस विभाग को भी उसकी जानकारी होनी चाहिए, यह उन्हें बचाने के लिए नही, बल्कि और ठोस कार्रवाई करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। स्वच्छ प्रशासन देना शिवराज सरकार का लक्ष्य है, कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार कर 10 जनपथ पैसे पहुंचाए गए।

विश्वास सारंग भोपाल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार का लक्ष्य है आर्थिक स्थिति को मजबूत करना। 15 महीने में कमलनाथ सरकार यही कहती रही कि पैसे नहीं हैं। जब से शिवराज सरकार आई तब से आर्थिक अनुशासन बनाया गया है। सारंग ने कहा कि राजस्व जितने ठीक ढंग से वसूला जाएगा, विकास उसी गति से होगा। ग्वालियर-चंबल में राशि वसूलने पर BJP की सरकार किसी दल को नही देखती, किसी भी दल का प्रतिनिधि हो BJP की सरकार विकास करने में विश्वास रखती है। .

कोरोना के नए स्ट्रेन पर हमारी नजर

मंत्री ने कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर हमारी सरकार मुस्तैदी से नजर रख रही है, जो मामले आए हैं उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। स्ट्रेन का मामला हो य फिर पुराना कोरोना हो सभी चुनौतियों के लिए सरकार तैयार है।

न्यू ईयर पार्टी में कैपेसिटी से आधे लोग ही अलाउ होंगे
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि न्यू ईयर की पार्टी से कोरोना का संक्रमण न बढ़े। किसी पार्टी के कारण कोरोना का संकट नही होना चाहिए, नया साल सबके लिए मंगलमय हो, यही कामना है।

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सर्वे नहीं कराएगी कांग्रेस

सारंग ने कहा कि कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब सर्वे नही कराएगी। उम्मीदवार, गुट, गिरोह में बंटी पार्टी से ज्यादा उम्मीद नही की जा सकती। 15 महीने की कांग्रेस सरकार को जनता ने देखा है, अब BJP को ही प्रदेश की जनता चुनेगी। कांग्रेस कोई भी उपक्रम अपना ले कोई भी नीति अपना ले, लेकिन अब जनता BJP को ही नगरीय निकाय में चुनेगी।

अधिकारियों-कर्मचारियों पर केस ही नहीं, पूछताछ भी नहीं कर पाएंगे
बता दें कि प्रदेश में अब किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ जांच एजेंसियां सीधे प्रकरण दर्ज नहीं कर सकेंगी। वे सीधे पूछताछ भी नहीं कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेनी होगी। विभाग ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में नई धारा जोड़कर यह व्यवस्था लागू कर दी है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि विशेष स्थापना पुलिस, लोकायुक्त संगठन हो या फिर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) किसी भी लोकसेवक (अधिकारी/कर्मचारी) के खिलाफ सीधे प्रकरण दर्ज नहीं कर सकेंगे। पूछताछ भी अनुमति मिलने के बाद ही होगी। कर्तव्यों में लापरवाही पर जांच एजेंसी क प्रमुख भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में धारा 17-ए के तहत सभी संबंधित अभिलेख सहित प्रतिवेदन संबंधित विभाग को भेजेंगे।

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