सीबीआई ने वाड्रा से कनेक्शन वाली कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज किए
नई दिल्ली . राजस्थान सरकार की तरफ से रॉबर्ट वाड्रा के मालिकाना हक वाली एक कंपनी की कथित विवादास्पद लैंड डील की सीबीआई जांच की सिफारिश हुए हफ्ता भर नहीं हुआ था कि जांच एजेंसी ने बुधवार को वाड्रा और उनसे जुड़ी एक कंपनी के खिलाफ फर्जी और बेबुनियाद दावे करने के 18 मामले दर्ज किए। राजस्थान सरकार ने जमीन के सौदों के सिलसिले में 18 मामले दर्ज कराए हैं, जिनमें 4 वाड्रा से जुड़ी कंपनी के खिलाफ हैं। सीबीआई ने बताया कि उसने 'राजस्थान सरकार के अनुरोध' पर 18 मामले दर्ज किए हैं। ये मामले धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में दर्ज हुए हैं। सीबीआई ने यह भी कहा है कि उसने 26 अगस्त 2014 को दर्ज 16 और 5 सितंबर 2014 को दर्ज दो एफआईआर की जांच का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया है। ये एफआईआर राजस्थान के बीकानेर में दर्ज हुई थीं।
जांच एजेंसी के पास आए मामले इंडियन आर्मी के यूज वाले महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए ली गई जमीन के बदले फर्जी दावों/अलॉटमेंट से जुड़े हैं। राजस्थान सरकार ने संदिग्ध लैंड डील में कई अनियमितता पाए जाने पर बीकानेर में लगभग 375 हेक्टेयर जमीन के हस्तांतरण का करार खारिज कर दिया था। जांच में फर्जी प्राइवेट इंडिविजुअल्स के नाम अलॉटमेंट होने की बात का पता चला था।
कोलायत के तहसीलदार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 34 गांवों में सरकारी जमीन जो बीकानेर जिले में आर्मी के लिए फायरिंग रेंज की तरह इस्तेमाल होने वाली थी, उसको लैंड माफिया ने हथिया लिया है। शिकायत के मुताबिक जमीन कुछ सरकारी अफसरों की मिलीभगत से फर्जी और जाली दस्तावेजों के आधार पर कब्जाई गई थी।
ED सरकारी जमीन कब्जाए जाने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल की जांच कर रहा है। सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला 1400 एकड़ के भूमि अधिग्रहण से जुड़ा है। जमीन 2009 से 2011 के बीच सात कंपनियों को बेची गई थी। इनमें से एक वाड्रा से कनेक्शन वाली कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी थी। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने आरोप लगाया था कि 2010 में 275 बीघा जमीन की खरीदारी में वाड्रा से कनेक्शन वाली कंपनी थर्ड पार्टी थी। इस कंपनी ने 2012 में जमीन का कुछ हिस्सा चौथे पक्ष को बेच दिया था। वाड्रा इस मामले में कुछ गलत करने की बात से लगातार इनकार करते रहे हैं और कांग्रेस बीजेपी सरकार पर आरोप लगाती रही है कि वह ED और सीबीआर्इ जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को वाड्रा और कांग्रेस के दूसरे नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल करके उनसे राजनीतिक बदला निकाल रही है।