सुन्नी वक्फ बोर्ड के ‘हलफनामे’ पर बोले बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी- हम अपनी बात पर कायम हैं
अयोध्या. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ram janam bhumi-babri masjid) में नया मोड़ आ गया है. उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (UP Sunni Central Waqf Board) ने इस मामले में दायर केस को वापस लेने का फैसला किया है. वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल के जरिये इस बाबत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा (Affidavit) दाखिल किया है. उधर सुन्नी बोर्ड के इस फैसले पर बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने साफ किया है कि हम अपनी बात पर कायम हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जो पत्र श्रीराम पंचू के माध्यम से दिया है, उस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा.
इकबाल अंसारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट उनके पत्र को स्वीकार करता है या नहीं? ये कोर्ट पर निर्भर करता है. इकबाल के अनुसार हमारे वकील ने कहा है कि अभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है, जब आएगी तो देखेंगे. इकबाल अंसारी ने कहा कि सबको अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन अदालत फैसला अपने तरीके से साक्ष्यों के आधार पर करेगी. उन्होंने कहा कि अगर मध्यस्थता कमेटी के माध्यम से कोई पत्र आता है तो उस पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा, यह सुप्रीम कोर्ट का विषय है.
बताया जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हलफनामा दाखिल करने से पहले अपने वकीलों से सलाह-मशविरा भी नहीं किया. हलफनामे में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह अपना केस वापस लेना चाहता है. हलफनामा श्रीराम पंचू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया है. वहीं मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अब किसी भी तरह के हस्तक्षेप की अर्जी को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
वक्फ बोर्ड के वकील बोले- मुझे जानकारी नहीं
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने केस वापस लेने के बोर्ड के फैसले की जानकरी से अनभिज्ञता जाहिर की है. उन्होंने बताया कि उन्हें वक्फ बोर्ड ने केस वापस लेने की सूचना नहीं दी है. अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में आठ मुस्लिम पक्षकारों ने केस दायर किए हैं. मुख्य पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दो केस दायर किए गए हैं.