सुप्रीम कोर्ट ने दी 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की इजाजत
मुंबई की 22 वर्षीय महिला के पेट में पल रहे 24 हफ्ते के गर्भ को गिराने की सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी है। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भ में पल रहा बच्चा बगैर कपाल का है और इस वजह से मां की जान को खतरा है।
न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने केईएम अस्पताल की मेडिकल टीम की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यह निर्णय लिया। रिपोर्ट में कहा गया था कि गर्भधारण जारी रखने से महिला की जान को खतरा है।
शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गर्भपात की इजाजत मांगी थी।
महिला के मुताबिक, गर्भधारण करने के 21 हफ्ते के बाद उसे पता चला कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का कपाल नहीं है। सोनोग्राफी में इसका पता चला था। मालूम हो कि कानून के तहत 20 हफ्ते के गर्भ को ही गिराने की इजाजत है।
हालांकि अगर पेट में पल रहे बच्चे के कारण मां की जान को खतरा हो तो 20 हफ्ते से अधिक के गर्भ को भी गिराने की इजाजत दी जा सकती है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की एक बलात्कार पीड़िता के 24 हफ्ते के गर्भ को भी गिराने की इजाजत दी थी।