सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई के बीच सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां श्रीनगर भेजीं

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) चीफ यासीन मलिक को शुक्रवार रात हिरासत में लिए जाने और घाटी में जमात-ए-इस्लामी के कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद केन्द्र ने अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त सौ कंपनियां हवाई मार्ग से श्रीनगर भेजी हैं।

14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले हुए हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद की गई कार्रवाई में मध्य, उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर से जमात-ए-इस्लामी से जुड़े करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस हिरासत के बारे में कुछ भी नहीं टिप्पणी की है। जमात-ए-इस्लामी ने इस कदम को “क्षेत्र को अनिश्चितता में डालने के लिए तैयार साजिश” करार दिया है।

इसने बयान में कहा- “22-23 फरवरी की मध्य रात को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए घाटी में कई घरों पर छापे मारे, जिनमें दर्जनों सेंट्रल और जिला स्तरीय नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।”

इसने बयान में आगे बताया- जिन लोगों हिरासत में लिया गया है उनमें चीफ डॉक्टर अब्दुल हमीद फयाज, एडवोकेट जाहिल अली (प्रवक्ता), गुलाम कादिर लोन (पूरव महासचिव) और दर्जनों अन्य लोग शामिल हैं।

जमात के सदस्यों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पहलगाम, दिआलगाम, त्राल सहित विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया गया है। जमात ने उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद 35 ए पर एक याचिका की सुनवाई के समय छापेमारी को 'संशयुक्त करार दिया। 

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने इस गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कहा- “आप किसी एक व्यक्ति को कैद कर सकते हो लेकिन उसके विचारों को नहीं।” पुलिस और अर्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है लेकिन और अन्य लोगों को हिरासत में लिए जाने की अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। इस हफ्ते की शुरुआत में सरकार ने कश्मीर में अलगाववादी नेताओँ से उनकी सुरक्षा वापस ले लिए थे।
 

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