सूरत आग हादसे में मारे गए 22 बच्चों का तर्पण कराने 1000 लोगों को वाराणसी ले जाएगा किसान

24 मई को सरथाणा के तक्षशिला आर्केड में लगी भीषण आग में जान गंवाने वाले 22 बच्चों का तर्पण विधि कराने की जिम्मेदारी सूरत के एक किसान शंकरभाई पटेल ने ली है। वे यहां से 1000 लोगों को उत्तरप्रदेश के वाराणसी ले जाएंगे। इनका मानना है कि बच्चों की अकाल मौत हुई और जब तक तर्पण नहीं होता उन्हें मोक्ष नहीं मिलेगा। इससे पहले शंकर ने पुलवामा अटैक में शहीद जवानों की तर्पण विधि हरिद्वार में कराई थी।

 

आगामी भाद्रपद माह में 22 से 28 सितंबर तक वाराणसी में गंगा के किनारे तर्पण विधि का आयोजन किया जाएगा। रांदेर रोड पर डॉ. पार्क सोसाइटी में रहने वाले ओलपाड़ तहसील के अरियाणा गांव के किसान शंकरभाई पटेल ने बताया कि 24 मई को तक्षशिला आर्केड अग्निकांड में 22 मासूम बच्चों की मौत से दिल कांप जाता है। उनका आत्मा को शांति मिले, इसलिए वाराणसी में गंगा के किनारे उनके स्वजनों द्वारा तर्पण कराने की योजना है।

शंकरभाई का कहना है कि अकाल मौत होने से इन मासूम बच्चों की आत्माएं भटकती रहेंगी। तर्पण के बाद ही इन्हें मोक्ष प्राप्त होगा, इसलिए यह आयोजन करने का विचार आया। 

गंगा किनारे होगी विधि और भागवत सप्ताह 
वाराणसी में गंगा के किनारे 22 सितंबर से भागवत सप्ताह शुरू होगा और 27 सितंबर को तर्पण विधि की जाएगी। इस दौरान परिजनों को गरूड पुराण भी सुनाया जाएगा। तक्षशिला अग्निकांड में मारे गए मासूमों को देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है। गंगा किनारे भागवत सप्ताह और तर्पण विधि उनकी सही अर्थों में श्रद्धांजलि साबित होगी। 

व्यवस्था: साथ ले जाने के लिए परिजनों से कर रहे हैं संपर्क 
तर्पण विधि के लिए मृतकों के परिजनों से संपर्क कर रहे हैं। परिजनों को ले जाने की पूरी व्यवस्था की गई है। शंकरभाई ने कहा कि पुलवामा के शहीदों की तर्पण विधि हरिद्वार में की गई थी, जिसमें सूरत से 700 लोग शामिल हुए थे। वाराणसी में गंगा तट पर आयोजित भागवत सप्ताह और तर्पण विधि में सूरत से 1000 से ज्यादा लोग जाएंगे।

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