सूरत: तक्षशिला कॉम्पलेक्स में भीषण आग में 17 की मौत, गुजरात सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान
नई दिल्ली: सूरत के सारथाना इलाके के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में लगी भीषण आग में 17 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। जिस समय इस इमारत में आग लगी उस वक्त कॉम्प्लेक्स के दूसरे तरह कोचिंग क्लास चल रही थी। मरने वालों में ज्यादातर छात्र हैं। सूरत के पुलिस कमिश्नर का कहना है कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। फिलहाल खबर आ रही है बिल्डिंग में लगी आग पर काबू पा लिया गया है,दमकल विभाग की करीब 18 गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
सूरत हादसे के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने गुजरात के सीएम विजय रूपानी से बात ती और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि एम्स का ट्रामा डिपार्टमेंट को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सूरत हादसे पर गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने कहा कि यह बहुत दुखद है। इस हादसे में छोटे बच्चे अग्निकांड का शिकार हुए जो कोचिंग क्लास में पढ़ रहे थे। राज्य सरकार की तरफ से पीड़ितों के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है। इसके अलावा जो छात्र घायल हुए हैं उनके इलाज का समुचित प्रबंध किया जा रहा है।
तक्षशिला इमारत में लगी आग पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में उनकी संवेदना पीड़ित परिजनों के साथ है। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात सरकार से तत्काल राहत पहुंचाने की अपील की।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि तक्षशिला कॉम्प्लेक्स के दूसरे तल पर कोचिंग क्लास चल रहा था। जिस वक्त इमारत में आग लगी लोग अपने अपने कामों में व्यस्त थे। दमकल विभाग का कहना है कि अभी फिलहाल आग लगने की वजह के बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इमारत में आग लगने के बाद पूरी बिल्डिंग में लोग दहशत में आ गए और इधर उधर भागने लगे।
सूरत की इमारत में भीषण आग पर पीएम नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में वो पीड़ित परिवार के साथ है। वो भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जो लोग इस हादसे में घायल हुए हैं वो जल्द से जल्द स्वस्थ हों। उन्होंने गुजरात सरकार और स्थानीय प्रशासन से कहा कि वो पीड़ितों को तुरंत सहयोग मुहैया कराएं।
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि आग किस वजह से लगी इसकी जांच कराई जाएगी। अभी फिलहाल प्रशासन की पहली प्राथमिकता आग की चपेट में आए लोगों को इमारत से सुरक्षित निकालना है। सूरत की सभी एजेंसियां मौके पर है और पीड़ितों को हरसंभव मदद दी जा रही है।