सेंचुरी का सबसे बड़ा घोटाला : विपक्षी दलों ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा

क्या आपको पता है कि आपकी जेब में पड़े 500 रुपए और 2000 रुपए के नोट अलग-अलग साइज और डिजाइन के हैं. अगर नहीं तो खबरदार हो जाएं. राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के कपिल सिब्बल के साथ ममता बनर्जी की पार्टी और जनता दल-यू के शरद यादव ने इस मुद्दे पर जोरदार तरीके से सरकार को घेरा. राज्य सभा में सिब्बल, यादव और तृणमूल के डेरेक ऑ-ब्रायन ने बाकायदा दो साइज के नोट दिखाने का दावा किया. उन्होंने इसे सेंचुरी का सबसे बड़ा घोटाला कहकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा.

साइज के साथ डिजाइन भी जुदा होने का दावा

विपक्षी दलों ने इन नोटों के साइज और डिजाइन दोनों अलग-अलग होने का दावा किया है. सिब्बल ने सवाल किया कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि संभव है कि आरबीआई को 500 और 2000 के नोट अलग-अलग होने की जानकारी नहीं हो. उन्होंने कहा कि अगर आरबीआई को इसकी जानकारी थी तो उसने इसे अपनी वेबसाइट पर बताया क्यों नहीं. उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि दो अलग-अलग तरह के नोट नहीं छापे जाएं. सिब्बल ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से भी जवाब की मांग की.

क्या हैं आरबीआई के स्टैंडर्ड

आरबीआई के मानकों के मुताबिक 500 रुपए के नोट का आकार 150 एमएम गुना 66 एमएम और 2000 रुपए के नोट का आकार 166 एमएम गुना 66 एमएम होना चाहिए.

जेटली ने आरोप को बताया झूठा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के आरोप को झूठा बताया. उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष को इस मामले में चर्चा करनी है तो इसके लिए उसे नोटिस देना चाहिए.

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