सेल्फी लेने के दौरान भारत में होती हैं सबसे ज्यादा मौतें
न्यूर्याक । दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज पर सेल्फी लेने का प्रयास करते समय दो डॉक्टरों की मौत के बाद एक बार यह पुल सुर्खियों में आ गया है। जनता के लिए खोले जाने के बाद से ही यह सिग्नेचर ब्रिज लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। यह दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश का अपनी तरह का अनोखा पुल है। शायद यही वजह है कि लोग यहां सेल्फी लेने में कुछ ज्यादा ही रुचि लेते हैं। हालांकि यह पहला ऐसा मामला नहीं है, जिसमें मौत की वजह सेल्फी बनी है। आपको यह जानकर हैरत होगी कि सेल्फी के दौरान हुई मौतों में भारत दुनिया में नंबर एक है। यह एक शोध में सामने आया है।
अमेरिका की कार्नेगी मिलान यूनिवर्सिटी और इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली द्वारा किए गए शोध में यह दावा किया गया है। यह शोध रिपोर्ट मी माइसेल्फ एंड माई किलफी नाम से पिछले वर्ष नवंबर में आई थी। इस रिपोर्ट में मार्च 2014 से सितंबर 2016 के बीच में विश्व में सेल्फी लेने के दौरान हुई मौत की घटनाओं की जानकारी जुटाई गई है। इस अवधि में दुनिया में करीब 127 लोग मारे गए थे, जिसमें सबसे ज्यादा 76 भारतीय हैं। यह कुल मौतों का करीब 60 फीसदी है। सूची में भारत के बाद पाकिस्तान दूसरे स्थान पर है। वहां इस अवधि में नौ मौतें हुईं। अमेरिका इस मामले में तीसरे स्थान पर है। इस अवधि में वहां पर आठ मौते हुईं। इस तरह की मौतों के लिए सीधेतौर पर हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं। इसकी प्रमुख वजह हमारी लापरवाही भी है, जो हमें मौत के मुंह में धकेल देती है।
सेल्फी को लेकर कई तरह के शोध सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर अपने को अपडेट रखने का पागलपन भी इसका एक बड़ा कारण है। आपने भी लोगों को रेलवे लाइन, बस स्टेंड या एयरपोर्ट पर सेल्फी खींचते जरूर देखा होगा। यह इस बात का साफ संकेत है कि हम अपने और अपने परिवार के प्रति पूरी तरह से लापरवाह हो चुके हैं और बनावटी दुनिया में जीवन जी रहे हैं। खासतौर पर युवा पीढ़ी तो इसके पीछे पागल है। इस अध्ययन में इसके दुष्परिणामों का भी जिक्र किया गया है। इस अध्ययन में बताया गया है कि ज्यादा सेल्फी पोस्ट करने से लोगों में आत्ममुग्धता बढ़ती है। लोगों में यह बदलाव अच्छा संकेत नहीं है।
शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर प्रतिभागियों की गतिविधियों पर चार माह तक निगरानी रखी और पाया कि जिन प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया का बहुत अधिक इस्तेमाल किया और अत्यधिक सेल्फी पोस्ट कीं उनमें आत्ममुग्धता के लक्षण में 25 फीसद का इजाफा देखने को मिला। मापक पैमाने का प्रयोग कर शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि ऐसे प्रतिभागियों में इस लक्षण का यह स्तर विकार के स्तर तक पहुंच गया। यह उनके व्यक्तित्व के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बुरा था। अध्ययन में यह भी सामने आया कि प्रतिभागियों ने अपनी सेल्फी को सबसे ज्यादा फेसबुक पर पोस्ट किया। कुल सेल्फी की 60 फीसद सेल्फी फेसबुक पर, 25 फीसद इंस्टाग्राम पर और 13 फीसद ट्विटर, स्नैपचेट व अन्य साइट्स पर पोस्ट की गईं। अमेरिकी जर्नल में छपी एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011-2017 के बीच दुनिया भर में 259 मौतें हुईं। इसमें 159 मौतें अकेले भारत में हुई थीं। हालांकि इस दौरान दूसरे नंबर पर 16 मौतों के साथ रूस और तीसरे नंबर पर 11 मौतों के साथ अमेरिका, चौथे पर पाकिस्तान है, जिसमें इस अवधि में 11 मौतें हुई हैं।