हरियाणा विधानसभा चुनावः सुषमा स्वराज की बहन का भाजपा ने काटा टिकट, पुराने चेहरे दरकिनार

हरियाणा में भाजपा ने अबकी बार 75 पार का लक्ष्य हासिल करने के लिए काफी नए चेहरों पर भरोसा जताया है। 26 उम्मीदवार जिन्होंने पिछला चुनाव लड़ा था, उन्हें इस बार तवज्जो नहीं दी गई। जबकि एक पुराने उम्मीदवार नूह से संजय का टिकट बदलकर उन्हें सोहना से चुनाव मैदान में उतारा गया है। टिकट न पा सकने वाले 26 उम्मीदवारों में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बहन डॉ. वंदना शर्मा भी शामिल हैं।
उन्होंने पिछला चुनाव सफीदों विधानसभा से भाजपा के टिकट पर लड़ा था और आजाद उम्मीदवार जसवीर देसवाल से लगभग 15 सौ मतों से हार गई थीं। इस बार पार्टी ने उन पर भरोसा नहीं जताया। इस समय वंदना हरियाणा लोकसेवा आयोग की सदस्य हैं। 26 उम्मीदवारों में ऐसे भी नेता है, जो भाजपा छोड़ चुके हैं। पिहोवा से पिछली बार जयभगवान शर्मा भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में वह जजपा में शामिल हो गए थे और चुनाव भी लड़ा।

कलायत में धर्मपाल शर्मा को भी इस बार टिकट नहीं मिली है। कैथल में सुरेंद्र सिंह, पुंडरी में रणधीर सिंह, राई में कृष्णा गहलावत का पत्ता कटा है। गोहाना में रामचंद्र जांगड़ा, बड़ौदा में बलजीत सिंह मलिक, जुलाना में संजीव, कालांवाली में राजेंद सिंह, डबवाली में देव कुमार शर्मा, रानियां में जगदीश नेहरा, सिरसा में सुनीता सेतिया, उकलाना में सीमा गैबीपुर, हांसी में छतर पाल सिंह, नलवा में मास्टर हरि सिंह, दादरी में सोमवीर, गढ़ी सांपला किलोई में धर्मवीर हुड्डा, झज्जर में दरियाव सिंह, पुनहाना में इकबाल, हथीन में हर्ष कुमार, होडल में राम रतन की जगह नए चेहरे उतारे गए हैं। फिरोजपुर झिरका में भी नया चेहरा उतारा गया है।

पृथला व फरीदाबाद में भी पार्टी ने नए चेहरों पर दांव खेला है। पार्टी की नए चेहरे मैदान में उतारने की रणनीति कितनी कारगर सिद्ध होती है, ये चुनाव नतीजे ही बताएंगे।

 

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