हरियाणा विस चुनावः सत्ता वापसी की राह में चुनौती बने अशोक तंवर, कर रहे कांग्रेस विरोधी प्रचार

हरियाणा में कांग्रेस की सत्ता वापसी की राह आसान नहीं दिख रही है। भाजपा से लोहा लेने से पहले कांग्रेस को अपने बागियों के साथ ही पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर से भी निपटना होगा। तंवर पार्टी छोड़ने के बाद अब खुलकर मैदान में आ गए हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे अपने साथियों के लिए प्रचार भी शुरू कर दिया है। तंवर ने गुरुग्राम से इसकी शुरुआत की है।
तंवर और उनके समर्थक राहुल बिग्रेड के उन उम्मीदवारों का प्रचार-प्रसार करेंगे, जिन्होंने अनदेखी के चलते या टिकट न मिलने पर कांग्रेस को अलविदा कहा है। इससे कांग्रेस को काफी नुकसान हो सकता है। तंवर के कार्यक्रम से कांग्रेस के खिलाफ ही माहौल बनेगा। चूंकि, उनके निशाने पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पार्टी है।

वह राहुल, सोनिया का तो बचाव कर रहे हैं, लेकिन अपने पुराने विरोधियों पर सीधा वार कर रहे हैं। जिससे कांग्रेस के लिए स्थिति असहज हो रही है। पार्टी में बड़े भीतरघात की भी आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा एससी वोट बैंक छिटक सकता है। एससी वोट में भाजपा पहले ही सेंध लगा चुकी है। इसे कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता था, लेकिन अब स्थिति पहले जैसी नहीं रही।

एससी वर्ग काफी टूट चुका है। तंवर के कांग्रेस छोड़ने से पार्टी को चुनाव में एससी बहुल सीटों पर अंदरूनी मार पड़ सकती है। चूंकि, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से ज्यादा पैठ दलितों में तंवर ने बनाई थी। तंवर अब पार्टी बंधनों से पूरी तरह आजाद हैं, इसलिए वह सबसे अधिक जोर हुड्डा को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने में लगाएंगे।

क्योंकि, उनका मुख्य लक्ष्य ही पूर्व सीएम को सत्ता पर काबिज होने से रोकना बन चुका है। ऐसे में हुड्डा और उनकी टीम को भी नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी होगी।

 

Leave a Reply