जिंदा बम, केमिकल वेस्ट और युद्ध के खतरनाक कबाड़ से भरे कंटेनर मिले
नई दिल्ली। कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) की ऑडिट रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि देश के कई कस्टम एंड कंटेनर फ्रेट स्टेशनों (सीएफएस) में युद्ध का खतरनाक कबाड़ मिला है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान, दिल्ली के तुगलकाबाद और मुंबई के इनलैंड कंटेनर डिपो में जिंदा बम, युद्ध का बचा हुआ सामान और खतरनाक केमिकल वेस्ट के 469 कंटेनर बरामद हुए हैं। इसमें से कई जिंदा बमों को ईरान के बांदर अब्बास पोर्ट और दूसरी जगहों से कबाड़ के टुकड़ों के तौर पर भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार यह खतरनाक युद्ध कबाड़ इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में अमेरिका के हमले का बाद बचे हुए सामान का हिस्सा है। रिपोर्ट के अनुसार, कस्टम विभाग द्वारा सीज़ किए गए इनमें से कुछ कंटेनरों को नष्ट किए जाने का इंतजार किया जा रहा है। जबकि कुछ को पहले ही पीतल और दूसरी धातुओं को निकालने के लिए गाजियाबाद और मुरादाबाद के ढलाई कारखानों के लिए रवाना कर दिया गया है।
संसद में पेश की गई ऑडिट रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी गयी। ऑडिट विभाग ने 85 आईसीडी और सीएफएस (लोडिंग पोर्ट) में जांच की है। 31 मार्च, 2017 तक की जांच में पता चला है कि 469 कंटेनरों में एक से 17 साल पुराना तक खतरनाक कबाड़ मौजूद है, जिसे अभी नष्ट नहीं किया गया है।' इस रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से अधिकतर कंटेनरों को इंपोर्टरों ने छोड़ दिया है। इनमें जिंदा बम, युद्ध का बचा हुआ सामान है। राजस्थान के तीन इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) के 92 कंटेनरों में इस्तेमाल किए गए टायर, मेटल स्क्रैप और खतरनाक केमिकल है। मुंबई कस्टम के सेकंड जोन के एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस) में और तुगलकाबाद आईसीडी में 15 कंटेनर हैं जिनमें खतरनाक मटीरियल भरा हुआ है। वहीं मुरादाबाद के आईसीडी में 50 कंटेनर हैं जिनमें मिक्स्ड वेस्ट है।
कैग से देश में खतरनाक वेस्ट के साथ आने वाले कंटेनरों को वापस एक्सपोर्ट करने का नियम न होने पर चिंता व्यक्त की है। जिसकी चलते यह खतरनाक कबाड़ अभी तक डिस्पोज नहीं हो सका। देश में 80 ऐक्टिव आईसीडी हैं जो हर साल 4.27 लाख करोड़ रुपये की कीमत का सामान एक्सपोर्ट करते हैं। कई ऐसे कार्गो हैं जिनका दावा नहीं किया गया है और फॉरिन ट्रेड के लिए यह खतरनाक है। अगर यहां पर छोटी सी भी आगजनी की घटना होती है तो इस खतरनाक वेस्ट से बड़ा धमाका हो सकता है। रिपोर्ट में इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार अभी तक 80 आईसीडी/सीएफएस में 7,877 कंटेनर डिस्पोज नहीं हुए हैं। इन कंटेनरों ने 1.17 लाख स्क्वायर मीटर का एरिया घेरा हुआ है। इनमें से 3,397 कंटेनर पिछले 3 साल से ज्यादा समय से डिस्पोजल के इंतजार में हैं।