10 हजार किमी यात्रा करके अमेजन के जंगल तक पहुंचती है सहारा की धूल, जिससे वनस्पति को मिलता है फास्फोरस
लंदन । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नासा) के सैटेलाइट ने सहारा रेगिस्तान से उड़ने वाली धूल की तस्वीर ली है। यह धूल लगबग दस हजार किमी की यात्रा के बाद अटलांटिक महासागर पार करके अमेजन के जंगलों तक पहुंचती है। इस धूल में एक खास तरह का पोषक तत्व होता है, जो इन जंगलों के लिए बेहद जरूरी है। अंतरिक्ष से देखने में ऐसा लगता है कि सहारा रेगिस्तान से लेकर अमेजन के जंगलों के ऊपर भूरे-पीले रंग की एक मोटी चादर बिछी है।
इस लंबी यात्रा के दौरान धूल अपने साथ ढेर सारा फॉस्फोरस लेकर जाती है। अमेजन के जंगलों में फॉस्फोरस की वजह से पेड़-पौधों को पोषक तत्व मिलता है। नासा ने इस प्रक्रिया की थ्री डी तस्वीर बनाई है। उसके बाद उसका आकलन किया है। सहारा जैसे एक बेहद बीहड़ और निर्जीव जगह से निकली धूल-धरती के दूसरे हिस्से पर मौजूद अत्यधिक उपजाऊ जगह को विकसित होने और सजीव रहने में मदद कर रही है। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में काम करने वाले साइंटिस्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के शोधकर्ता होंगबिन यू ने बताया कि सहारा रेगिस्तान की धूल में मृत सूक्ष्मजीव होते हैं।
सहारा रेगिस्तान में पत्थरों से निकला हुआ सूक्ष्म मिनरल भी होता है। सूक्ष्मजीव फॉस्फोरस से भरे हुए होते हैं। जब ये मिनरल और फॉस्फोरस से लदे हुए मृत सूक्ष्मजीव अमेजन पहुंचते हैं, तो कमाल करते हैं। फॉस्फोरस पेड़-पौधों की ग्रोथ के लिए जरूरी होता है। यू ने बताया कि फॉस्फोरस का उपयोग खेती के लिए बनाए जाने फर्टिलाइजर में भी होता है, लेकिन अमेजन के जंगलों में सहारा रेगिस्तान की धूल ही फर्टिलाइजर बनती है। या फिर जंगलों से टूटकर, गिरकर या सड़कर जो पत्तियां, फल या टहनियां खाद बनती हैं वे पोषक तत्व का काम करती हैं।
यू ने बताया कि हर साल सहारा रेगिस्तान से उड़ने वाली धूल अमेजन के जंगलों में करीब 22 हजार टन फॉस्फोरस लेकर जाती है। हर साल इसमें से फॉस्फोरस की मात्रा बारिश में धुल जाती है लेकिन यही फॉस्फोरस नदियों और पानी के अन्य स्रोतों के जरिए पेड़ों की जड़ों तक पहुंचती है। जिनसे उनका विकास होता है।
यू ने बताया कि जितना फॉस्फोरस सहारा से अमेजन तक जाता है। अगर उसे हम ट्रकों में लोड करें तो हमें करीब 6.89 लाख ट्रकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसा नहीं है कि सारा फॉस्फोरस अमेजन तक पहुंच ही जाता है। कुछ अटलांटिक महासागर में गिरता है, कुछ कैरेबियन सागर में गिर जाता है। कुछ दक्षिणी अमेरिका के तटों पर गिरता है। कुल मिलाकर सहारा रेगिस्तान की धूल बहुत से इलाकों में पोषक तत्व का काम करती है।