20 साल का अजब संयोग: जो लोकसभा स्पीकर बना वो फिर सदन में नहीं लौटा

लोकसभा अध्यक्ष बनना अपने आप में एक बड़ा सम्मान है. लेकिन इस पद से देश के संसदीय इतिहास में एक अजब संयोग जुड़ गया है. 20 साल से कुछ ऐसा इत्तेफाक हो रहा है कि किसी भी दल का नेता लोकसभा अध्यक्ष बना हो, बस उसके बाद वो अगली लोकसभा में चुनकर संसद नहीं पहुंच पाया.

राजनीतिक दल ने जिसे भी लोकसभा स्पीकर के लिए चुना, उसकी चुनावी राजनीतिक पारी का अंत हो गया या फिर दोबारा लोकसभा में नहीं पहुंच पाया. इंदौर से लगातार 8 बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन से भी ये अजब संयोग जुड़ गया. वो भी पिछली लोकसभा में स्पीकर चुनी गयीं और इस बार वो चुनाव मैदान में उतरी ही नहीं.

साल 1999 से लोकसभा स्पीकर का दोबारा सदन में वापसी ना करने का ये इत्तेफाक़ चल रहा है. टीडीपी के जीएमएस बालयोगी, मनोहर जोशी, सोमनाथ चटर्जी, मीरा कुमार भी लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद सदन में वापसी नहीं कर सके.

1999से चला आ रहा अजब संयोग
13वीं लोकसभा में टीडीपी के जीएमएस बालयोगी स्पीकर थे. बालयोगी का विमान दुर्घटना में हुआ था निधन. बालयोगी के निधन के बाद मनोहर जोशी स्पीकर बने थे. अगला चुनाव लड़े लेकिन हार गए.
-14वीं लोकसभा में माकपा के सोमनाथ चटर्जी थे स्पीकर. यूपीए सरकार से वामदलों ने लिया था समर्थन वापस, समर्थन वापिसी के बाद सरकार का साथ दिया. माकपा के पार्टी से निकालने पर राजनीति से लिया संन्यास.
-15वीं लोकसभा में कांग्रेस की मीरा कुमार स्पीकर बनीं. 2014में मीरा कुमार चुनाव हार गईं.
-16वीं लोकसभा में सुमित्रा महाजन स्पीकर चुनी गईं. 75साल की उम्र के चलते ताई का टिकट काट दिया गया. इस तरह सुमित्रा महाजन ताई के साथ लोकसभा स्पीकर को लेकर जारी ये संयोग जारी है.

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