2018 से 10th बोर्ड एग्जाम की वापसी पर मुहर
CBSE स्कूलों में दसवीं की बोर्ड परीक्षा की वापसी, 2018 में होगा पहला एग्जाम
नई दिल्ली
CBSE स्कूलों में दसवीं क्लास में सात साल के अंतराल के बाद बोर्ड परीक्षाओं की वापसी होने वाली है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की फैसला लेने वाली प्रमुख बॉडी, गवर्निंग बॉडी ने मंगलवार को बदलाव संबंधी फैसले पर मुहर लगा दी। हालांकि, इन बदलावों को 2017 की परीक्षा में लागू नहीं किया जाएगा। नए बदलाव वाली पहली परीक्षा मार्च 2018 में होगी।
नए बदलावों के तहत फैसला किया गया है कि कुल मार्क्स का 80 प्रतिशत हिस्सा बोर्ड एग्जाम पर और 20 प्रतिशत हिस्सा इन्टर्नल असेसमेंट पर आधारित होगा। इससे पहले केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा था कि सीबीएससी स्कूलों में दसवीं की बोर्ड परीक्षा 2017-18 से फिर से शुरू की जाएगी।
2009 में कॉन्टिन्यूअस ऐंड कॉम्प्रिहेंसिव इवैल्यूएशन (CCE) शुरू होने के बाद 2011 से बोर्ड ने दसवीं क्लास के बोर्ड एग्जाम को वैकल्पिक कर दिया था। इसका यह मतलब था कि सीनियर सेकंडरी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के पास एग्जाम में बैठने या नहीं बैठने का विकल्प था। इसके बाद सीबीएसई ने एक सर्वे किया था जिसमें ज्यादातर ने इस बात पर सहमति जताई थी कि दसवीं का बोर्ड एग्जाम अनिवार्य होना चाहिए। इसी के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एग्जाम की वापसी का फैसला किया।
सीबीएसई के चेयरपर्सन आर.के. चतुर्वेदी ने कहा, 'गवर्निंग बॉडी के सदस्यों ने एकमत से इस बारे में फैसला किया। इस मुद्दे के हर पहलुओं पर चर्चा की गई जिसके बाद सैद्धांतिक तौर पर सहमति बनी कि सीसीई पीरियड से पहले के एग्जाम पैटर्न को फिर से लागू किया जाए। 2018 से एग्जाम की शुरुआत की जाएगी और एक सर्कुलर के जरिए स्कूलों को जल्द ही इस बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।'
सीबीएसई गवर्निंग बॉडी की मेंबर और माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा ने कहा, 'बॉडी के सदस्यों ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे सर्वसम्मति से लिया गया। यह फैसला सभी संबंधित पक्षों से मिले फीडबैक के आधार पर लिया गया जिसमें राज्य सरकारें भी शामिल हैं।'