5 अप्रैल को हो रहा है दो शुभ तिथियों का संगम, उठाएं लाभ और पूरा कर लें हर ख्वाब

5 अप्रैल को नवरात्र में पड़ने वाली नवमी तिथि है। इस रोज मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री के पूजन का विधान है। मान्यता है की यह मां सरस्वती का ही रूप हैं। दूसरी शुभ तिथि पड़ रही है श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी। दो शुभ तिथियों के संगम का  उठाएं लाभ और पूरा कर लें हर ख्वाब। आज के दिन गृह प्रवेश, नई दुकान, व्यापार शुरु करने का बहुत ही अच्छा संयोग है। नौवीं शक्ति के पूजन में नौ वस्तुएं अर्पित करने से देवी प्रसन्न होकर सम्पूर्ण जगत की रिद्धि सिद्धि अपने भक्तों को प्रदान करती हैं। इनके पूजन में नवाह्न प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ तरह के फूल और नौ प्रकार के फल चढ़ाकर मां के मंत्रों का जाप करें। नौ चीजों को अर्पित करना संभव न हो तो नवमी पर मां सिद्धिदात्री पर आंवले का भोग लगाएं। मां का ध्यान करने के लिए


“सिद्धगन्धर्वयक्षाघरसुरैरमरैरपि सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी..” इस मंत्र से स्तवन कर सकते हैं।


शास्त्रों के अनुसार, आज के दिन कन्याओं को भोजन कराने से देवी-देवता की कृपा बनी रहती है।


सिद्धियों की प्राप्ति के देवी सिद्धिदात्री पर ध्वजा चढ़ाएं।


रामनवमी के दिन इन उपायों को अपनाने से घर में धन-समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती। रामनवमी पर्व के दिन मंदिर में अथवा मकान पर ध्वजा, पताका, तोरण और बंदनवार आदि से सजाने का विशेष विधि-विधान है। व्रत के दिन कलश स्थापना और राम जी के परिवार की पूजा करनी चाहिए।


श्रीराम के स्वरूप के सम्मुख शुद्ध घी का दिया जलाएं। अगरबत्ती और धूप से वातावरण को सुगंधित करें। 


खीर या मेवे का भोग लगाएं।


रामरक्षास्त्रोत, राममंत्र, सुंदरकांड का पाठ करें।


जरूरतमंदो और गरीबों को क्षमता के अनुसार दान दें। जिससे आपके घर में कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं होगी।


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