70 साल के रिश्तों का जश्न मनाएंगे भारत-रूस, सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचे पीएम मोदी
मोदी की रूस यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि पुतिन के साथ उनकी इस मुलाकात को अक्टूबर में ब्रिक्स सम्मेलन और फिर यहीं 17वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति की भागीदारी की निरंतरता में हो रही है। मोदी 1 जून को सेंट पीटर्सबर्ग में होंगे। वह यहां भारत-रूस सालाना सम्मेलन में पुतिन के साथ हिस्सा लेंगे औैर 12 समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
क्या है सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम
सम्मेलन पर निगाहें
भारत-रूस सालाना सम्मेलन सबकी निगाहें भारत के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट की आखिरी दो यूनिटें को रूस की मदद से जुड़े समझौते पर होगी। कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट की यूनिट 5 और 6 को रूसी मदद से जुड़े समझौतों की तैयारी शुरू हो चुकी है।
दोनों देशों के बीच, साइंस, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, रेलवे सेक्टर में सहयोग समेत 12 समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। अगर कुडनकुलम पर समझौता हो गया तो 1000 मेगावाट बिजली पैदा होगी, जो भारत की परमाणु बिजली उत्पादन क्षमता के हिसाब से बेहद अहम उपलब्धि होगी।
क्या है सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम सालाना कारोबारी कार्यक्रम है, जो 1997 से रूसी राष्ट्रपति के संरक्षण में सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित हो रहा है। इसमें हर साल 60 से अधिक देशों के 4,000 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं।
इसमें रूस और अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी कंपनियों के सीईओ, राष्ट्राध्यक्ष, राजनेता, प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री तथा अन्य मंत्री हिस्सा लेते हैं। फोरम का मकसद कारोबार के लिए व्यावहारिक संसाधन मुहैया कराना, बाधाओं को दूर करना, भौगोलिक एवं सूचनात्मक सहयोग देना तथा रूस व अन्य देशों के बीच के अंतर को कम करना है।