ईरान-भारत के बीच 9 करार भारत चाबहार को लीड करेगा

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी शनिवार को हैदराबाद से दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और…

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी शनिवार को हैदराबाद से दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोंदी से मुलाकात की। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। रूहानी ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी। मोदी और रूहानी के बीच आतंकवाद, सुरक्षा, व्यापार, निवेश क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच 9 अहम करार भी हुए। 


मोदी: दोनों देश अपने पड़ोसियों को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं 


बातचीत के बाद संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग बढ़ाने को इच्छुक हैं। रूहानी की यात्रा से दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे। चाबहार पोर्ट के लिए ईरान ने जो नेतृत्व दिया है, उसके लिए भारत आभार जताता है। आज जो भी समझौते हुए वह पिछले समय में हुई प्रगति का परिणाम हैं। मैं 2016 में ईरान गया था और द्विपक्षीय यात्रा का रोडमैप तैयार किया था। हम अफगानिस्तान को शांत, समृद्ध देखना चाहते हैं। हम अपने पड़ोसियों को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं। 


रूहानी: प्यार के लिए शुक्रिया, हम रेलवे संबंध भी शुरू करना चाहते हैं 


राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि हमें भारत सरकार से काफी प्यार मिला, इसके लिए मैं यहां के लोगों और सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं। दोनों देशों का रिश्ता कारोबार और व्यापार से बहुत आगे है। ये इतिहास से जुड़ा है। परिवर्तन और अर्थव्यवस्था दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी राय एक है। हम दोनों देशों के बीच रेलवे संबंध भी शुरू करना चाहते हैं। दोनों देश चाबहार पोर्ट के विकास में भी शामिल हैं। 


इस दोस्ती के 3 फायदे: भारत मध्य एशिया के देशों से जुड़ेगा 


चाबहार: भारत के लिए चाबहार बंदरगाह बहुत महत्वपूर्ण है। इसके जरिए वह अफगानिस्तान, रूस के साथ ही मध्य एशिया के बाकी देशों से जुड़ना चाह रहा है। इससे इन देशों से भारत के लिए तेल और अन्य सामानों का आयात-निर्यात आसान होगा। ट्रांसपोर्ट खर्च भी कम होगा। भारत, अफगानिस्तान के जरांज से देलाराम तक सड़क भी बना चुका है। 


ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की 


एक्ट-ईस्ट पॉलिसी: गुजरात के कांडला बंदरगाह से जहाज केवल 6 दिन में चाबहार पहुंचते हैं। वहां से रेल या सड़क के माध्यम से सामान आगे पहुंचाया जा सकता है। एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत भारत, म्यांमार, थाईलैंड के बीच रेल कनेक्टिविटी शुरू होने वाली है। इससे मध्य एशिया से जो सामान आएगा, उसे दक्षिण-पूर्व एशिया ले जाने में काफी आसानी होगी। 


दोनों देशों के बीच ये 9 करार हुए 


डबल टैक्सेशन, टैक्स सेविंग के लिए पैसे बाहर भेजने की रोकथाम। 


कूटनीतिक पासपोर्ट धारकों को वीजा में छूट। 


प्रत्यर्पण संधि काे लागू करने के लिए समझौता। 


चाबहार पोर्ट के पहले फेस के लिए समझौता। 


ट्रेडिशनल सिस्टम के क्षेत्र में सहयोग। 


आपसी व्यापार। 


कृषि से जुड़े सेक्टर। 


स्वास्थ्य-दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना। 


पोस्टल सहयोग । 


राष्ट्रपति-पीएम की तिकड़ी 


राष्ट्रपति हसन रूहानी का प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया। 


फरजाद गैस ब्लॉक: ओएनजीसी ने ईरान के फरजाद में गैस ब्लाक की खोज की है। भारत यहां निवेश करना चाहता है, ताकि सस्ती दर पर गैस मिल सके। भारत ओमान से 1,100 किमी लंबी गैस पाइपलाइन लाना चाह रहा है। ओमान से ईरान होकर पाइपलाइन लाना बहुत महंगा है, पर लंबे समय के लिए भारत, ओमान और ईरान को इससे बहुत फायदा होगा। 

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