गुण मिल रहे हों लेकिन मन न मिलें तो…
वैलंटाइन्स डे जैसे-जैसे करीब आता है, प्रेम पर डिस्कशन दिलचस्प हो जाता है। कोई इसे आग का दरिया कहता है तो कोई सुकून देने वाल समंदर। प्यार, मुहब्बत की इस दिलकश गुफ्तगू में आजकल सितारों का दखल भी खूब दिखने लगा है। अक्सर सुनने में आता है कि सितारे भी प्रेम करने वालों के मिलन में अडंगा डाल देते हैं। प्रेम की कंटीली राह के तमाम कांटे चुन लेने के बाद अक्सर समस्या आ जाती है कि कुंडली नहीं मिल रही। या फिर गुण नहीं मिल रहे। मांगलिक होने का अमंगल बता दिया जाता है। वे घरवाले जो बड़ी मुश्किल से तैयार होते हैं, सितारों की चाल पर अक्सर अड़ जाते हैं। ऐसे में हमने कोशिश की यह जानने की आखिर प्यार का यह ज्योतिष है क्या?
पहली परीक्षा
पहली परीक्षा, घरवालों को मनाना ही है। वे मान जाएं तो अक्सर कुंडली मिलान पर बात अटकती है। इस पड़ाव को पार करने के दौरान प्रेमी युगल को खासी दिक्कतों का सामाना करना पड़ता है। घर वाले ऐसे अड़ जाते हैं कि अशुभ के भय में अपने बच्चों से पीछे हटने की जिद कर डालते हैं। न मानने पर रिश्ता खत्म तक करने की धमकी दे देते हैं। घर की शांति खो जाती है और अक्सर कई मामलों में ज्योतिष का वार प्यार पर भारी पड़ जाता है। हमने ज्योतिषियों ये बात की तो उन्होंने कहा कि ज्योतिष एक साइंस है, जो भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत या अनुमान भर दे सकती है। इसका मकसद अक्सर उपाय कर उसे सुधारने का मौका देने तक रहता है। वह जोर देकर कहते हैं कि ज्योतिष अनुमान है, सौ फीसदी गारंटी नहीं कि जो कहा गया है वह सच ही होगा।
ज्योतिष योगेश भारद्वाज कहते हैं कि एस्ट्रोलॉजी विज्ञान है। हम जान सकते हैं कि जिसके साथ शादी करने जा रहे हैं, उसके साथ हमारा संबंध बेहतर रहेगा या नहीं। शादी पवित्र रिश्ता है, जीवन का सबसे अहम पड़ाव। जैसे हम बगैर किसी जांच परख के किसी को अहम पद पर नहीं बिठाते, ठीक वैसे ही शादी भी बगैर जांच परख के नहीं करनी चाहिए। शादी के मामले में ज्योतिष फिल्टर की तरह है, जो कई स्तर पर अच्छे जीवनसाथी के चयन में कारगार साबित होती है। अक्सर जिन कारणों से रिश्ते नहीं हो पाते, उनमें मांगलिक दोष सबसे ज्यादा अहम है। धारणा है कि अगर गैर-मांगलिक से मांगलिक की शादी होती है तो गैर-मांगलिक की मृत्यु हो सकती है। असल में ऐसा कतई नहीं है। मंगलदोष के निवारण के लिए कई तरह के उपाय हैं, जिनसे मांगलिक दोष को कम किया जा सकता है। शादी में सबसे अहम बात सिर्फ कुंडली मिलना ही नहीं, बल्कि मन मिलना होता है। अगर मन न मिलें और कुंडली मिल जाए तो भी शादी की सफलता संदेह के दायरे में ही रहती है। ज्योतिष में हर समस्या का समाधान है इसलिए एस्ट्रोलॉजी को डर नहीं बनाएं, बल्कि इस साइंस से जीवन सफल बनाएं।
ज्योतिषाचार्य राहुल कौशिक कहते हैं कि विवाह ऐसा संबंध है, जहां सामाजिक और धार्मिक आधार पर पुरुष और स्त्री जीवनसाथी बनते हैं। विवाह का सफल होना निर्भर करता है कि जीवन साथी का चयन हम किस आधार पर करते हैं। वर या वधू का चयन करते समय जन्म कुन्डली में ग्रहों की स्थिति देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि जातक की मानसिक प्रवृत्ति कैसी है। कुन्डली का विश्लेषण करते समय ध्यान इस पर दिया जाता है कि जातकों की आने वाली ग्रह दशा क्या दिखा रही है। आने वाली दशा सफल वैवाहिक जीवन की तरफ इशारा कर रही है तो विवाहित जीवन सफल रहेगा। कुन्डली मिलान में गुण अच्छी संख्या में मिल रहे हैं लेकिन आने वाली गृह दशा वैवाहिक जीवन में टूट फूट की तरफ इशारा कर रही है तो गुण मिलान का महत्व नहीं रह जाता।