आदिवासी का कहना सरकार कितना भी डराए मैं न्याय यात्रा निकालकर रहूंगी,

देवास के नेमावर में छह महीने पहले प्रेमिका, उसकी मां, बहन समेत पांच की हत्या में सीबीआई जांच होने जा रही है। इस परिवार की एकमात्र जीवित बची सदस्य भारती कास्डे है, जिसने सरकार को चैलेंज किया है। उसने इंसाफ के लिए न्याय यात्रा निकालने का फैसला किया है। इससे मप्र सरकार हिल गई है।

भारती ने कहा कि मैं न्याय यात्रा की ओर कदम बढ़ाने के बाद किसी सूरत में पीछे नहीं हटूंगी। वारदात के बाद से मुझे कई बार धमकियां मिली हैं। उसने कहा कि सरकार कितना भी डराए, मैं पीछे नहीं हटूंगी और न्याय यात्रा निकाल कर ही रहूंगी। उधर, सरकार ने ताबड़तोड़ सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी है।

भारती ने परिवार के लापता होने से लेकर न्याय यात्रा निकालने तक की कहानी बयां की। उसने बताया कि ‘मैं गरीब परिवार से हूं। इस कारण मुझे नेमावर से दूर पीथमपुर में नौकरी करनी पड़ती थी। 14 मई 2021 को मैंने घर आकर मम्मी को फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को कॉल किया, लेकिन फोन तब भी नहीं लगा। जब दूसरे दिन भी कॉल नहीं लगा तो 16 मई को मैंने चचेरे भाई संतोष को फोन कर पूरी बात बताई। उसके दोस्त को नेमावर बस स्टैंड स्थित घर भेजा। यहां पड़ोसियों का कहना था कि 13 मई की रात चार पहिया वाहन में परिवार के सभी सदस्यों को जाते देखा है। इसके बाद मैं 17 मई को नेमावर पहुंची।

पड़ोसियों से जानकारी जुटाई, लेकिन गांव में किसी को कुछ नहीं पता था। इसके बाद थाने पहुंची। यहां गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 17 मई की शाम पुलिस घर पहुंची। ताला तोड़ने के बाद घर के अंदर पहुंचे तो देखा सारा सामान व्यवस्थित है।

हिंदू संगठन से जुड़ा है मुख्य आरोपी

हत्यांकाड में खुलासा हुआ था कि मुख्य आरोपी सुरेंद्र केसरिया हिंदू संगठन का पदाधिकारी है। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 5 लोगों की हत्या की और शव खेत में दफना दिए। मुख्य आरोपी का मृतक रूपाली के साथ प्रेम प्रसंग था। सुरेंद्र की शादी कहीं और तय हो गई थी। प्रेमिका रूपाली उस पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। सुरेंद्र ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से रूपाली, मां ममता बाई, बहन दिव्या, ममता की भतीजी के बेटे पवन और पूजा की हत्या कर दी और दफन कर दिया। भारती इस परिवार में अकेली बची है।

लापता हुई रूपाली के फोन से आया SMS

19 मई की सुबह लापता रूपाली के मोबाइल फोन से मैसेज आता है, जिसमें लिखा रहता है कि दीदी आप हमारी चिंता मत करना, हम लोग दूर चले गए। इसके बाद लगातार भारती – रुपाली से मैसेज से बात करती रही, लेकिन फोन नहीं लग रहा था। सिर्फ मैसेज ही आ रहे थे। भारती ने तुरंत थाने जाकर पुलिस वालों को बताया कि रूपाली का मोबाइल चालू हो गया है। लोकेशन ट्रेस कर सकते हैं, लेकिन किसी भी ने नहीं सुनी और उसे भगा दिया। 19 मई की शाम थाने से फोन आया कि सुरेंद्र को बुलवा लिया है। तुम भी आ जाओ। आमने-सामने बात कर लो। इसके बाद सुरेंद्र ने भारती को फोन दिखाते हुए कहा कि देखो इसमें यह तुम्हारी बहन का मैसेज है… तुम्हारा भाई उसे मारता है।

सीएम हेल्प लाइन के बाद पुलिस आई हरकत में

इसके बाद भारती नेमावर स्थित घर पहुंची। उसे एडवोकेट का नंबर मिला। उन्होंने सलाह दी कि सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करो। दूसरे दिन पुलिस भारती और सुरेंद्र के साथ हरदा लेकर पहुंची। यहां रूपाली जिस मकान में रहती थी।​​​​​​ उसके मकान मालिक ने कह दिया कि सुरेंद्र रूपाली का पति है। उससे पूछताछ करो, सब उगल देगा। भारती का आरोप था कि पुलिस वालों ने हरदा ले जाने के दौरान उसका मोबाइल रख लिया। उससे पूरे रास्ते आरोपियों जैसा व्यवहार भी किया।

लापता होने के 2 दिन पहले सुरेंद्र के पिता आए थे घर

भारती के पड़ोसियों को कहना था कि 11 मई को सुरेंद्र के पिता उनके घर पहुंचे थे। जहां परिवार को धमकाते हुए कहा था कि रूपाली को समझा दो वरना परिवार को खत्म कर देंगे, लेकिन पड़ोसी पुलिस को कोई भी बयान देने से लगातार बच रहे थे। सुरेंद्र राजपूत का राजनीतिक में पकड़ होने के कारण गांव में उनका दबदबा था और कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं था।

आखिरी दम तक लड़ूंगी, मर भी जाएं तो परवाह नहीं

भारती ने कहा कि वर्तमान में आरोपी सलाखों के पीछे हैं, लेकिन जब तक उन्हें फांसी नहीं होती, लड़ती रहूंगी। इस न्याय यात्रा को लेकर भारती का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण आरोपी लंबे समय तक सलाखों के बाहर रहे। अन्य बेटियों के साथ इस तरह की घटना न हो, इसलिए वह न्याय यात्रा निकाल रही है।

इंदौर की रीटा डांगरे भी है साथ

16 अक्टूबर 2016 को लापता हुई कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे की मां रीटा डांगरे भी बेटी के हत्यारों को सलाखों के पीछे करने के लिए लंबे समय तक लड़ाई करती रही। वह भारती का साथ दे रही है। उनका कहना था कि हम इस तरह की घटना से जूझ चुके हैं।​ वह भारती का साथ देंगी।

Leave a Reply