पुलवामा में ऑपरेशन खत्म, 3 आतंकी ढेर, फायरिंग में 1 नागरिक की भी मौत
श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में रमजान सीजफायर खत्म होने के बाद से ही सेना का ऑपरेशन लगातार जारी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पुलवामा में सेना ने 3 आतंकियों को मार गिराया. ये ऑपरेशन दोपहर दो बजे से ही चल रहा था. जानकारी के मुताबिक, आतंकी एक घर में छिपे हुए थे और कुछ लोगों को बंधक बना रखा था. इस वजह से सेना को ऑपरेशन में खासी दिक्कत का समाना करना पड़ा.
सेना को शुक्रवार दोपहर जानकारी मिली कि पुलवामा में 3 आतंकी छिपे हुए हैं. इसके बाद सेना ने यहां सर्च ऑपरेशन चलाया. इसी बीच आतंकी एक घर में जाकर छिप गए. सेना और पुलिस के जवानों ने उन्हें घेर लिया और बाद में मार गिराया.
जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने घर में कुछ आम लोगों को भी बंधक बनाया था. ये ऑपरेशन 55RR और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से चलाया.
इससे पहले शुक्रवार को ही कुपवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, इस ऑपरेशन में सेना ने एक आतंकी को मार गिराया. ये ऑपरेशन कुपवाड़ा के त्रेहग्राम इलाके में हुआ है. ऑपरेशन सुबह करीब 5.30 बजे से जारी था.
झड़प में एक नागरिक की मौत
वहीं, पुलवामा में एनकाउंटर साइट के पास ही लोगों ने पथराव भी किया. इसमें 10 लोग घायल हुए हैं. वहीं, एक नागरिक की मौत हुई है.
अमरनाथ यात्रा की वजह से मुस्तैद हैं एजेंसियां
आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा की वजह से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से मुस्तैद हैं. खुफिया सूचना में कहा गया है कि पाकिस्तान का लश्कर-ए-तैयबा ने पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले पिस्सू टॉप और शेशांग पर हमले की ताक में बैठा हुआ है. यह दोनों स्थान रणनीतिक लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं. सुरक्षा को देखते हुए एजेंसियों ने कई तरह की तैयारियां की हैं, ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके.
तीन आयामों पर काम कर रहीं एजेंसियां
1. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसिया तीन आयामों पर काम कर रही है. एक तरफ ऑपरेशन ऑल आउट के जरिये आतंकियों का सफाया किया जा रहा है.
2. वहीं एनआईए और ईडी बड़े स्तर पर सीमा पार से आने वाले आर्थिक स्रोतों और आतंक के व्यापारियों पर नकेल कस रही है. इसी कड़ी में हुर्रियत नेताओं पर भी नकेल कसी जा रहा है. आजतक के "ऑपरेशन हुर्रियत" के बाद कई हुर्रियत नेता प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमे और एनआईए की जांच का सामना कर रहे हैं.
3. तीसरा कदम ये है कि राज्यपाल शासन के दौरान भी सामाजिक पक्ष के सभी वर्गों से बात करने के लिए इंटरलॉक्यूटर काम करते रहेंगे.