कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना
सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने खुद के खिलाफ सीबीआई द्वारा एफआईआर मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अस्थाना ने याचिका दायर कर मांग की है कि उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा की गई एफआईआर को रद्द किया जाए साथ ही उनके ऊपर कोई कठोर कार्रवाई ना की जाए। वहीं सीबीआई ने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार की 10 दिनों की रिमांड मांगी है। देवेंद्र कुमार के वकील ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। बता दें कि रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी।
देवेंद्र कुमार ने पीएम मोदी से की मुलाकात
इससे पहले सीबीआई में मचे घमासान के बीच सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ आरोपों के बारे में बताया। एक अधिकार ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने एजेंसी के प्रमुख आलोक वर्मा से कहा, 'कानून को अपना काम करने दें'।
सीबीआई ने सोमवार को अपने ही विभाग के डीएसपी देवेंद्र कुमार को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। कथित तौर पर तीन करोड़ रुपये की रिश्वत के मामले में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का नाम भी आठ दिन पहले दर्ज की गई एफआईआर में शामिल है। गुजरात कैडर के अधिकारी अस्थाना वरीयता क्रम में सीबीआई के दूसरे शीर्ष अधिकारी हैं।
जानें क्या है पूरा मामला :
अधिकारियों ने बताया कि देवेंद्र कुमार मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ दर्ज एक मामले में जांच अधिकारी थे। सीबीआई ने रविवार की शाम को डीएसपी देवेंद्र कुमार के कार्यालय तथा आवास पर छापे मारे थे। एजेंसी का दावा है कि मोबाइल फोन और आईपैड बरामद किए गए हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। आरोप है कि इस मामले में उन्होंने कुछ तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया। कुरैशी के इस मामले में गवाह सतीश साना का धारा 161 के तहत 26 सितंबर 2018 को सीबीआई मुख्यालय में एक बयान दर्ज किया गया था। लेकिन जांच के दौरान यह बात सामने आई कि साना उस दिन दिल्ली में ना होकर हैदराबाद में थे।
सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जांच टीम का नेतृत्व राकेश अस्थाना कर रहे थे। साना ने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा है कि जून माह में उसने इस मामले को लेकर तेलुगु देशम पार्टी से राज्य सभा सदस्य सीएम रमेश से जिक्र किया था, उन्होंने कहा कि वह इस बारे में सीबीआई निदेशक से बात करेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि उसे दोबारा पूछताछ के लिए सीबीआई की तरफ से कोई नोटिस नहीं आएगा।
सूत्रों ने कहा साना को जून माह के बाद से सीबीआई ने पूछताछ के लिए नहीं बुलाया। इसके बाद उसे यह विश्वास हुआ कि उसके खिलाफ चल रही जांच पूरी हो गई है। बताया गया कि करोड़ों रुपये की रिश्वत के इस मामले में राकेश अस्थाना द्वारा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को फंसाने के इरादे से उन पर आरोप लगाया। कुमार ने साना के बयान के तथ्यों गलत तरीके से पेश किया था। गौरतलब है कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत 15 अक्तूबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में अस्थाना और कुमार के अलावा मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सहित अज्ञात लोगों को नामजद किया है।