CBI मुद्दे पर सरकार का बयान, CVC के सुझाव पर SIT करेगी जांच

नई दिल्ली,  केन्द्रीय कैबिनेट के फैसले पर ब्रीफिंग के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना प्रसारण मंत्री रवि शंकर प्रसाद मीडिया से रूबरू हुए.

ब्रीफिंग के दौरान सीबीआई मामले पर उठे सवाल के जवाब में अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआई इस देश प्रतिष्ठित संस्था है. इसकी साख बनी रहे इसके लिए केन्द्र सरकार तत्पर है. जेटली ने कहा कि सीबीआई में विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हुई है. दो वरिष्ठ डायरेक्टर पर सवाल उठे हैं. डायरेक्टर ने अपने नीचे और दूसरे नंबर के अधिकारी ने डायरेक्टर पर आरोप लगाया है. इसकी जांच कौन करेगा यह सरकार के सामने सवाल है. ये केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और न ही सरकार इसकी जांच करेगी.

जेटली ने बताया कि केन्द्र सरकार का दायित्व सिर्फ सुपरवीजन का है. मंगलवार को सीवीसी ने बताया कि दोनों अधिकारी इन आरोपों की जांच नहीं कर सकते और न ही इन अधिकारियों के नेतृत्व में इस जांच को करना संभव है. लिहाजा, जबतक यह जांच नहीं होती इन अधिकारियों को इनके काम से मुक्त कर दिया गया है. इस जांच को अब स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को दी गई है और जबतक यह एसआईटी जांच पूरी नहीं कर लेती इन अधिकारियों को सीबीआई से अलग कर दिया गया है.

जेटली ने कहा कि हम सीबीआई के अधिकारियों में किसी को दोषी नहीं मान रहे हैं. कानून के मुताबिक जबतक जांच पूरी न हो इसलिए अधिकारियों को बाहर कर दिया गया है. यदि जांच में उनकी भूमिका पर सवाल नहीं उठता तो वह वापस अपने कार्यभार को लेंगे. लेकिन निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी था कि जांच की अवधि तक अधिकारियों को सीबीआई से बाहर रखा जाए.

जेटली ने कहा कि सीवीसी सुपरवाइजरी अथॉरिटी है और वह एसआईटी का गठन करेगी. सरकार की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और न ही सरकार इसमें किसी भूमिका को अदा करने की दिशा में देख रही है.

जेटली ने बताया कि मंगलवार को सीवीसी की मीटिंग हुई और बुधवार को सरकार ने यह फैसला लिया है. लिहाजा, सरकार की भूमिका पर सवाल उठाने का कोई आधार नहीं है.

रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि केन्द्रीय कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के खगीला के पास ब्रॉड गेज लाइन को मंजूरी दी. बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती से गुजरते हुए इस लाइन से बड़ी कनेक्टिविटी मिलेगी.

रविशंकर प्रसाद ने बताया कि 1998 में बने बेनामी एक्ट में मौजूदा सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं. केन्द्र सरकार ने एडजूडिकेटिंग अथॉरिटी की नियुक्ति पर बड़ा फैसला लिया.

इसके अलावा रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि साउछ कोरिया के सियोल पीस अवार्ड से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नवाजा गया है. पीएम को यह अवार्ड अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े फैसले लेने के लिए दिया गया है.

गौरतलब है कि सीबीआई में चल रहे विवाद के दौरान रातोरात जिस तरह शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया उससे हर कोई हैरान है. इस फैसले के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. अब बुधवार को केंद्र सरकार इस पर अपना रुख साफ कर सकती है.

बुधवार दोपहर को वित्त मंत्री अरुण जेटली, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के लिए की जाएगी, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार सीबीआई में चल रहे घमासान पर अपना पक्ष रख सकती है.

छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा, राकेश अस्थाना

घूसकांड मुद्दे को लेकर शीर्ष अधिकारियों में चल रही जंग के कारण सीबीआई की किरकरी हो रही है. इस विवाद के बीच सरकार की तरफ से सीबीआई के दोनों शीर्ष अधिकारी सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है. इस फैसले को सरकार का इस मुद्दे पर बड़ा एक्शन माना जा रहा है.

नागेश्वर राव को मिली जिम्मेदारी

इस परिस्थिति में ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. नागेश्वर राव ने बुधवार सुबह ही अपना कार्यभार संभाला. नागेश्वर ने पदभार संभालते ही कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है.

मामला क्या है?

गौरतलब है कि एजेंसी ने अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी. कुरैशी धनशोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहा है.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया.
 

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