कार्तिक मास में भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो…
हिंदू धर्म के ग्रथों में कार्तिक मास को बहुत खास महीना बताया जाता है। इस वर्ष का कार्तिक मास 24 अक्टूबर से शुरू होकर 21 नवंबर तक चलेगा क्योंकि इस माह को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है। इसलिए इस महीने में कई एेसे काम हैं जिन्हें करना हिंदू धर्म के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता है। बल्कि इनके बारे में कहा जाता है कि कुछ एेसे काम होते हैं, जिन्हें अगर अनजाने में भी कर दिया जाए तो यह शुभ नहीं कहलाता। आपको बता दें कि इस महीने में ईश्वर भक्ति को प्रमुख माना गया है। कहा जाता है कि जो भी कार्तिक मास में जप, तप, पूजा, हवन, दान, सेवा जैसे कामों मे लगा रहता उसके जीवन में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती हैं। जानें कुछ नियम जिन्हें इस माह में अपनाना चाहिए।
दीपदान जरूर करें
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास में दीपदान करने से परिवार के सभी सदस्यों के जीवन से अंधकार समाप्त हो जाता है। इसलिए इस महीने किसी भी पवित्र नदी या तालाब में सूर्यास्त के समय दीपदान ज़रूर करना चाहिए।
तुलसी पूजा
कार्तिक मास में तुलसी जी की पूजा का बहुत महत्व माना गया है। कहा जाता है कि तुलसी की पूजा से बहुत जल्दी श्री हरि की कृपा प्राप्त होने लगती है। ज्योतिष के मुताबिक वैसे तो हर दिन तुलसी का सेवन और पूजन करना बहुत शुभकारी होता है लेकिन कार्तिक में तुलसी पूजा का महत्व हज़ार गुना बढ़ जाता है इससे विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं। इसलिए कार्तिक मास में तुलसी का पूजन करना न भूलें।
कुछ लोग कार्तिक मास के पूरे 30 व्रत रखते हैं, बता दें खासकर उन्हें इस पूरे महीने में भूमि पर ही सोना चाहिए। माना जाता है कि धरती पर सोने से व्यक्ति के मन में सात्विकता का भाव आता है, और नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
तेल न लगाएं
मान्यता है कि कार्तिक महीने के 30 दिनों में से केवल एक दिन नरक चतुर्दशी (कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि) के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए, अन्य दिनों में तेल लगाना शास्त्रों में वर्जित माना गया है।
दाले न खाएं
कार्तिक मास में उड़द, मसूर और राई आदि नहीं खाने चाहिए। इससे जीवन की प्रगति में रूकावटें पैदा होने की संभावना बढ़ती है।
ब्रह्मचर्य
कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक बताया गया है, इस व्रत का पालन नहीं करने पर पति-पत्नी और संतानों की भी दोष लगने के अलावा अशुभ फल भी प्राप्त होते हैं।
संयम
जो लोग इस महीने व्रत रखते हैं, उन सबको इस दौरान कम बोलना चाहिए। इसके अलावा किसी की निंदा, अपमान या विवाद न करें। जितना हो सके अपने मन पर संयम रखें।