इंटर की कॉपियां जांचने को बिहार बोर्ड ने चुना ‘मुर्दा’, फोन कॉल से हुआ खुलासा
अगर आपसे कोई कहे कि मुर्दे भी परीक्षा की कॉपियों की जांच करते हैं तो शायद आप इस बात पर यकीन न करें लेकिन ऐसा बिहार में संभव हुआ है जहां कॉपियों की जांच के लिये 9 साल पहले गुजर चुकी एक शिक्षिका से संपर्क साधा गया.
2016 में इंटर टॉपर घोटाले का सच सामने आने के बावजूद भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अपनी गलतियों से सबक लेने को तैयार नहीं है. मामला इंटर परीक्षा की कॉपी जांच करने से जुड़ा है. गोपालगंज में इंटर परीक्षा की कॉपी के मूल्यांकन के लिए वैसे लोगों की सूचि भेजी गयी है जिनकी या तो वर्षों पूर्व मौत हो चुकी है या फिर उनका बिहार से कहीं दूसरी जगह तबादला हो चुका है.
गोपालगंज के महेंद्र महिला कॉलेज की पूर्व प्रोफेसर किरण सिन्हा जिनका देहांत वर्ष 2008 में ही हो गया है से भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस बार इंटर की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए संपर्क साधा और उनका भी नाम सूचि में भेज दिया गया.
मामले का खुलासा दिवंगत प्रोफेसर किरण सिन्हा के पति बीके सिन्हा ने किया. उनके मुताबिक उन्हें महेंद्र महिला कॉलेज से फोन कर सूचना दी गयी कि उनकी पत्नी को भी इंटर की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन की जिम्मेदारी दी गयी है.
बीके सिन्हा को जब ये कॉल आया तो वो भी चकित रह गये, हालांकि उन्हें परीक्षा समिति की तरफ से कोई पत्र नहीं दिया गया है. दूसरा मामला संतोष कुमार से जुड़ा है जिन्होंने तीन साल पहले बिहार सरकार के शिक्षक की नौकरी छोड़ दी है लेकिन बोर्ड की तरफ से संतोष को भी कॉपी जांचने की चिठ्ठी मिली है. संतोष भी चिठ्ठी देख कर दंग रह गये.
इंटर की कॉपियां जांच रहे राजेश कुमार रवि के मुताबिक इस बार मूल्यांकन की सूचि में वैसे लोगों का भी नाम भेजा गया है जो खुद महज हाई स्कूल के शिक्षक हैं. इसको लेकर राजेश ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को पत्र भी लिखा है.