अवैध विदेशियों का पता लगाने को लेकर कोई योजना न होने पर असम सरकार को फटकार
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित किये ७० हजार विदेशियों का पता लगाने केलिए किस तरह की योजना न लाने पर सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को जमकर फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने राज्य के गृह सचिव को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में मौजूद रहने के लिए कहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि अब तक आपने क्या किया है। आप कैसे उन ७० हजार अवैध विदेशियों का पता लगाएंगे जो जनसंख्या में घुलमिल गए हैं। आखिर अवैध विदेशियों की संख्या कितनी है। आप उनका पता कैसे लगाएंगे। आखिर वे कहा हैं। मेहता चाहते थे कि सुनवाई ताली जाए। इस पर पीठ ने सवाल किया कि ज्ञ्असम के मुख्य सचिव कहां हैं। हम चाहते थे कि वे सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। क्या हमने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट दी है। क्या हमें उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करना चाहिए। हम जानना चाहते थे कि आखिर उन अवैध विदेशियों के कैसे पता लगाएंगे जो आबादी में घुलमिल गए हैं। इसलिए हम चाहते थे कि मुख्य सचिव यहां मौजूद रहे। सुनवाई केवक्त उपस्थित न रहने और सहयोग नहीं करने से आपको कोई फायदा नहीं होने वाला। वह अदालत के साथ खेल रहे हैं। आप सिर्फ मामले को खिंच रहे हैं। पीठ ने ८ अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई पर असम केमुख्य सचिव को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के लिए कहा है। साथ ही यह भी कहा कि जब तक पेशी से छूट न हो वे सुनवाई की तारीखों पर उपस्थित होते रहेंगे।