जिस जगह इंसानों पर जैविक हथियारों की टेस्टिंग होती थी, वह बंकर ‎मिल गया

‎बीजिंग। चीन में एक ऐसा बंकर ‎मिला है जहां ‎द्वितीय ‎‎विश्व युद्ध के दौरान इंसानों पर खतरनाक प्रयोग ‎किए जाते थे। ‎मिली जानकारी के अनुसार पुरातत्वविदों ने चीन में द्वितीय विश्व युद्ध के एक ऐसे डरावने बंकर का पर्दाफाश किया है, जिसमें जापान की सेना की एक यूनिट इंसानों पर बहुत क्रूर ढंग से वायरसों और दूसरे संक्रामक रोगाणुओं से प्रयोग करती थी। इन प्रयोगों का मकसद जैविक हथियारों का परीक्षण करना था। इस ‘हॉरर बंकर’ में जापानी शोधकर्ताओं ने भयानक मानवीय प्रयोग किए जैविक हथियारों के लिए कई तरह के डेटा जुटाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बंकर की जगह पूर्वोत्तर चीन में हेइलोंगजियांग प्रांत में आंदा शहर के पास है। कथित तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी वैज्ञानिकों ने यहां पर इंसानों से जुड़े विषयों पर कई भयानक प्रयोग किए। बताया जाता है कि इस साइट का उपयोग जापानी इंपीरियल आर्मी की कुख्यात यूनिट 731 ने किया था। जिसने 1935 और 1945 के बीच कुछ सबसे क्रूर रोगाणु युद्ध प्रयोग किए थे। इसके कारण बाद में इस यूनिट को काफी बदनामी का सामना करना पड़ा था। बैक्टीरियोलॉजिकल वारफेयर डिपार्टमेंट ने इस साइट की देखरेख की और अधिकांश प्रयोग विशेष जेलों में रखे इंसानों पर किए। 
हेइलोंगजियांग प्रांतीय सांस्कृतिक अवशेष और पुरातत्व संस्थान के शोधकर्ताओं ने कहा कि ये बंकर यूनिट 731 के अत्याचारों की विरासत और जैविक युद्ध को रोकने के वैश्विक प्रयासों पर उनके असर को भी उजागर करता है। 1941 में बनाई गई आंदा विशेष परीक्षण क्षेत्र, ‘यूनिट 731’ की सबसे बड़ी, सबसे अच्छी तरह से सुसज्जित और सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली परीक्षण सुविधा के रूप में कार्य करता था। रिपोर्ट में कहा गया कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि आंदा साइट पर ‘यूनिट 731’ के प्रयोगों में कैदियों को घातक बीमारियों से संक्रमित करना और नए जैविक हथियारों का परीक्षण करना शामिल था। जापानी सेना ने इस जगह पर संक्रामक रोगाणुओं के एजेंटों के प्रसार को कंट्रोल करने के तरीकों पर शोध करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए भूमिगत बंकरों में दुनिया में इंसानों पर कुछ सबसे भीषण प्रयोग किए थे। 

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